Edited By Kailash Singh, Updated: 12 Jul, 2025 07:10 PM

कुसुम योजना में स्थापित विकेन्द्रित सोलर प्लांटों में कई बार दिन के समय बिजली की ट्रिपिंग के कारण सौर ऊर्जा उत्पादन में होने वाली हानि को रोकने के लिए जयपुर डिस्कॉम ने पहल की है। निगम के सभी सर्किल अधीक्षण अभियंता कुसुम योजना में स्थापित 93...
जयपुर डिस्कॉम की नई पहल,अभियंता करेंगे जीएसएस का दौरा
जयपुर, 12 जुलाई। कुसुम योजना में स्थापित विकेन्द्रित सोलर प्लांटों में कई बार दिन के समय बिजली की ट्रिपिंग के कारण सौर ऊर्जा उत्पादन में होने वाली हानि को रोकने के लिए जयपुर डिस्कॉम ने पहल की है। निगम के सभी सर्किल अधीक्षण अभियंता कुसुम योजना में स्थापित 93 विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़े 33 केवी के ग्रिड सब स्टेशनों का आगामी एक सप्ताह में दौरा करेंगे और उनमें ट्रिपिंग तथा वोल्टेज के उतार-चढ़ाव की समस्या का निदान करेंगे। जिससे कि ट्रिपिंग के चलते सोलर जनरेटर्स को होने वाली सोलर जनरेशन की हानि को रोका जा सके।
चेयरमैन डिस्कॉम्स एवं जयपुर विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक आरती डोगरा ने यह निर्देश दिए हैं। डोगरा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वाले सोलर पावर जनरेटर्स की समस्याओं के लिए शनिवार को विद्युत भवन में अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रही थीं। इस बैठक में सोलर पावर जनरेटर्स भी मौजूद रहे। चेयरमैन डिस्कॉम्स ने कहा कि इन प्लांटों से उत्पन्न होने वाली सौर ऊर्जा का लाभ डिस्कॉम को सस्ती बिजली के रूप में होता है। उन्होंने निर्देश दिए कि जनरेटर्स की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी मैकेनिज्म तैयार किया जाए। यह सोलर प्लांट जिन फीडर अथवा सब स्टेशन से जुड़े हैं, उनमें ट्रिपिंग न्यूनतम हो। इसके लिए संबंधित सब डिविजन के सहायक अभियंताओं को भी सख्त निर्देश जारी किए जाएं। बैठक में जनरेटर्स ने अपनी समस्याएं बताईं। इस पर चेयरमैन डिस्कॉम्स ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जुड़े अधीक्षण अभियंताओं समस्या के समाधान के संबंध में सवाल किए । उन्होंने निर्देश दिए कि सब डिवीजन स्तर पर सोलर जनरेटर्स की समस्याओं के निराकरण के लिए वॉट्सएप ग्रुप बनाएं, ताकि ट्रिपिंग, वोल्टेज, फीडर लाइनों में वृक्षों की कटिंग जैसी समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता से दूर कर सौर ऊर्जा उत्पादन में होने वाली हानि को कम किया जा सके।
क्यों है जरूरी ट्रिपिंग रोकना
दिन में ट्रिपिंग होते ही इन विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली का उत्पादन बंद हो जाता है। जैसे ही बिजली आपूर्ति प्रारंभ होती है, सौर ऊर्जा से पुनः बिजली उत्पादन प्रारंभ होने में करीब आधा घंटे का समय लग जाता है। ऐसे में कुछ सैकंड के लिए भी बिजली जाती है तो इसकी बड़ी हानि बिजली उत्पादन के रूप में होती है और इसका आर्थिक नुकसान इन जनरेटर्स के साथ-साथ डिस्कॉम्स को भी होता है। बिजली उत्पादन की इस हानि को न्यूनतम करने तथा जनरेटर्स की समस्या के समाधान के लिए चेयरमैन डिस्कॉम्स ने यह संवेदनशील पहल की है।
सर्वाधिक वितरण हानियों वाले सब डिविजनों में विद्युत तंत्र होगा मजबूत
डोगरा ने सर्वाधिक वितरण हानियों वाले जयपुर डिस्कॉम के 18 सब डिविजनों के सहायक अभियंताओं के साथ विद्युत तंत्र को मजबूत करने के उपायों पर भी समीक्षा की। उन्होंने विगत एक माह में इन अभियंताओं द्वारा लॉसेज कम करने की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने हाई लॉस वाले जीएसएस एवं फीडर में आरडीएसएस योजना के तहत सुधार, ओवरलोड फीडर में लोड कम करने के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने पर बल दिया। साथ ही, बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। निदेशक (तकनीक) आर. के. शर्मा तथा जोनल मुख्य अभियंता जयपुर आरके जीनवाल बैठक में मौजूद थे। भरतपुर तथा कोटा जोनल मुख्य अभियंता तथा सभी सर्किल के अधीक्षण अभियंता वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इन बैठकों से जुड़े।