Edited By Raunak Pareek, Updated: 09 Jul, 2025 03:21 PM

डिस्कॉम के 18 सर्किलों के 232 सब डिविजनों में कार्यरत 340 FRT वाहनों की जांच के लिए मुख्यालय से अभियंताओं को एकाएक टास्क दे दिए गए। डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा के दिशा-निर्देशन में संचालित इस कार्यवाही को पूरी तरह गोपनीय रखा गया।
जयपुर डिस्कॉम में विद्युत उपभोक्ताओं की ‘नो करंट‘ से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर के निर्देश पर FRT (फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम) की कार्यप्रणाली की मंगलवार को आकस्मिक जांच की गई। डिस्कॉम के 18 सर्किलों के 232 सब डिविजनों में कार्यरत 340 FRT वाहनों की जांच के लिए मुख्यालय से अभियंताओं को एकाएक टास्क दे दिए गए। डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा के दिशा-निर्देशन में संचालित इस कार्यवाही को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। वरिष्ठ अधिकारियों के वॉट्सएप ग्रुप पर प्रातः 10 बजकर 36 मिनट पर संदेश के जरिए सभी को आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश दिए गए।
अलग सब डिविजन के सहायक अभियंता को दी जिम्मेदारी
प्रत्येक FRT वाहन की जांच के लिए संबंधित सब डिविजन से अलग सब डिविजन के सहायक अभियंता को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई। यह साफ हिदायत दी गई कि जांच के लिए अभियंता दो घंटे के भीतर FRT टीम की लोकेशन पर पहुंचें। गूगल शीट में भरकर दोपहर बाद तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।
क्या होता है FRT में
प्रत्येक FRT वाहन में एक वाहन चालक, एक लाइनमैन तथा दो हैल्पर होते हैं। जयपुर डिस्कॉम ने FRT व्यवस्था को कांट्रेक्ट पर दे रखा है। प्रत्येक टीम के साथ आवश्यक सुरक्षा उपकरण, प्रत्येक सदस्य की यूनिफॉर्म तथा परिचय पत्र के साथ उपस्थिति की जांच की गई।
डिस्कॉम स्तर पर पहली बार इतना व्यापक निरीक्षण
जयपुर डिस्कॉम में उपभोक्ता की बिजली सप्लाई से संबंधित शिकायतों को दूर करने की यह व्यवस्था 2016 से संचालित है। पहली बार सम्पूर्ण डिस्कॉम स्तर पर निरीक्षण किया गया है। जांच में सभी गाड़ियां संचालित मिली। लेकिन कई वाहनों में जीपीएस, सेफ्टी टूल्स, स्मार्ट फोन नहीं होने के साथ ही कार्मिकों के कम होने, यूनिफॉर्म में नहीं होने की कमियां पाई गई हैं। डिस्कॉम्स चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए यह निरीक्षण किया गया है। जो कमियां मिली हैं, उनके लिए संबंधित सेवा प्रदाता कंपनी को नोटिस देकर पेनल्टी लगाई जाएगी.