Edited By Shruti Jha, Updated: 10 Jul, 2025 05:52 PM

— जयपुर जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा श्रमिकों की साक्षरता हेतु अभिनव पहल 'नरेगा आखर' अभियान की शुरुआत की है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित ट्रेनिंग कार्यक्रम में कार्यक्रम का उद्घाटन जिला प्रमुख...
जयपुर जिला प्रशासन ने शुरू की 'नरेगा आखर' साक्षरता अभियान
— जयपुर जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा श्रमिकों की साक्षरता हेतु अभिनव पहल 'नरेगा आखर' अभियान की शुरुआत की है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित ट्रेनिंग कार्यक्रम में कार्यक्रम का उद्घाटन जिला प्रमुख रमा चौपड़ा और जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने किया।
अभियान की मुख्य विशेषताएं:
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महिला मेटों के माध्यम से नरेगा श्रमिकों को हस्ताक्षर ज्ञान, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय साक्षरता प्रदान करने पर अभियान का जोर है।
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प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण देंगे, जिससे पूरे जिले में पहुंच सुनिश्चित होगी।
नेतृत्व व उद्देश्य:
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जिला प्रमुख रमा चौपड़ा ने बताया कि यह अभियान साक्षरता से समाज में जागरूकता बढ़ाने, महिलाओं का सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।
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जिला कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में.basic पढ़ना-लिखना, डिजिटल समझ और वित्तीय स्वावलंबन के माध्यम से नरेगा श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
कार्ययोजना एवं समन्वय:
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अभियान के संचालन के लिए महात्मा गांधी नरेगा, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग, और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) का सहयोग शामिल है।
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अभियान में शिक्षा मॉड्यूल, सामुदायिक कार्यशालाएं और डिजिटल उपकरण शामिल होंगे, जो मास्टर ट्रेनर द्वारा ब्लॉक और पंचायत स्तर पर लागू किए जाएंगे।
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जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा वर्मा ने कहा कि ये मॉड्यूल मूल साक्षरता, हस्ताक्षर ज्ञान, डिजिटल-पेमेंट, बैंकिंग और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने पर केंद्रित होंगे।
अभियान का संभावित प्रभाव:
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नरेगा स्थल अब सिर्फ रोजगार केंद्र नहीं, बल्कि सशक्तिकरण के केंद्र बनेंगे।
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ग्रामीण कार्यस्थलों पर यह पहल स्थानीय समुदायों में जागरूकता, महिलाओं और श्रमिकों में आत्म-संवर्धन, और ग्राम पंचायत के साथ बेहतर जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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दीर्घकाल में यह मॉडल ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार, रोजगार एवं राजस्व में वृद्धि और डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा देगा।