जयपुर डिस्कॉम को मिली बड़ी सफलता, डिफेक्टिव मीटर शून्य घोषित हुए झालावाड़, दौसा और जेपीडीसी नॉर्थ सर्किल

Edited By Chandra Prakash, Updated: 10 Jul, 2025 08:02 PM

jaipur discom got a big success

जयपुर डिस्कॉम के तीन सर्किलों ने शत-प्रतिशत डिफेक्टिव मीटर बदलने में बड़ी सफलता हासिल की है। दौसा, जेपीडीसी (नॉर्थ) तथा झालावाड़ सर्किलों ने अपने वृत्त क्षेत्र के सभी सब डिविजनों में 1 जुलाई, 2025 की स्थिति में खराब मीटर बदल दिए हैं। इस उपलब्धि के लिए...

जयपुर, 10 जुलाई 2025। जयपुर डिस्कॉम के तीन सर्किलों ने शत-प्रतिशत डिफेक्टिव मीटर बदलने में बड़ी सफलता हासिल की है। दौसा, जेपीडीसी (नॉर्थ) तथा झालावाड़ सर्किलों ने अपने वृत्त क्षेत्र के सभी सब डिविजनों में 1 जुलाई, 2025 की स्थिति में खराब मीटर बदल दिए हैं। इस उपलब्धि के लिए इन सर्किल के अभियंताओं को प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा ने गुरूवार को विद्युत भवन में जीरो डिफेक्टिव मीटर सर्किल होने के आशय के प्रमाण पत्र सौंपे। 

अजिताभ शर्मा ने इस महत्वपूर्ण कामयाबी पर तीनों सर्किल के अभियंताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जयपुर डिस्कॉम के शेष सर्किलों के साथ-साथ जोधपुर एवं अजमेर विद्युत वितरण निगमों में भी खराब मीटरों की संख्या शून्य करने की योजना बनाई जाए। उन्होंने इस संबंध में चेयरमैन डिस्कॉम्स को दोनों वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। 

डिफेक्टिव मीटर से यह पड़ता है असर 
मीटर के डिफेक्टिव रहने का विपरीत असर डिस्कॉम के राजस्व पर पड़ता है। यदि मीटर 2 माह से अधिक समय तक डिफेक्टिव रहता है तो निगम को विद्युत शुल्क का 5 प्रतिशत छूट उपभोक्ता को प्रदान करनी होती है। साथ ही, मीटर खराब होने से औसत उपभोग के आधार पर विद्युत बिल जारी करना पड़ता है। यदि वास्तविक उपभोग औसत से कम रहता है तो उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ती हैं और वास्तविक उपभोग अधिक होने पर निगम को आर्थिक हानि होती है। साथ ही, वास्तविक उपभोग से बिलिंग नहीं होने के कारण संबंधित सब डिविजन अथवा फीडर की वितरण हानि का आंकलन भी संभव नहीं हो पाता।

उल्लेखनीय है कि चेयरमैन डिस्कॉम्स आरती डोगरा ने अपनी विभिन्न समीक्षा बैठकों में अधीक्षण अभियंताओं को सर्किल्स में खराब मीटरों की लम्बित सूची को समाप्त करने के निर्देश दिए थे। उन्होने डिफेक्टिव मीटर के कारण राजस्व वसूली पर होने वाले विपरीत असर पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए थे कि किसी भी सर्किल में डिफेक्टिव मीटर के प्रकरण दो माह से अधिक समय तक लम्बित ना रहें। सामूहिक प्रयासों का सकारात्मक परिणाम शुुरूआती रूप में इन तीन सर्किलों में देखने में आया है। 

झालावाड़ वृत्त की ओर से अधिशासी अभियन्ता के एल बरोदिया, जेपीडीसी नॉर्थ की ओर से अधीक्षण अभियन्ता राजेश गुप्ता, दौसा वृत्त की ओर से अधीक्षण अभियन्ता एम.एल मीणा ने यह प्रमाण पत्र प्राप्त किए। ,दौसा वृत्त ने 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक 9 हजार 139, जेपीडीसी नॉर्थ ने इस वर्ष 1 जनवरी से 30 जून तक 17 हजार 885 तथा झालावाड़ सर्किल ने 1 जनवरी से 30 जून तक  विभिन्न श्रेणियों में 1585 खराब मीटर बदलकर डिफेक्टिव मीटरों की संख्या शून्य करने में सफलता प्राप्त की है। 
                        

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