Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 26 Jun, 2025 08:17 PM

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी फ्रांस और जर्मनी की सात दिवसीय विदेश यात्रा से गुरुवार को जयपुर लौट आए । देवनानी गुरुवार को तड़के तीन बजे जर्मनी से नई दिल्ली और वहां से हवाई मार्ग द्वारा जयपुर पहुंचे। जयपुर हवाई अड्डे पर देवनानी का...
नई दिल्ली/जयपुर | राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी फ्रांस और जर्मनी की सात दिवसीय विदेश यात्रा से गुरुवार को जयपुर लौट आए । देवनानी गुरुवार को तड़के तीन बजे जर्मनी से नई दिल्ली और वहां से हवाई मार्ग द्वारा जयपुर पहुंचे। जयपुर हवाई अड्डे पर देवनानी का विशिष्ट सहायक के के शर्मा की अगुवाई में विधानसभा के अधिकारियों ने अगवानी की। अपनी विदेश यात्रा के अनुभव साझा करते हुए देवनानी ने कहा कि इस अध्ययन यात्रा में उन्होंने यूरोप की संसदों में भारत की चेतना को स्पंदित होते अनुभव किया और राजस्थान की मिट्टी की महक वहां के लोकतंत्र में घुलती दिखी। राजस्थान केवल भौगोलिक इकाई नहीं बल्कि एक वैश्विक संस्कृति का वाहक है। उन्होंने लोकतंत्र के आधुनिक स्वरूप को भारत की परंपरा, सहिष्णुता, और सहभागिता के साथ जोड़ते हुए यूरोप में एक नया विमर्श आरंभ किया।
देवनानी ने फ्रांस और जर्मनी के विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं अकादमिक संस्थानों का दौरा कर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं, संसदीय कार्यप्रणालियों और सामाजिक विकास के विविध पहलुओं का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने जर्मनी तथा फ्रांस की लोकतांत्रिक संस्थाओं का अवलोकन किया और वरिष्ठ सांसदों, नीति-निर्माताओं तथा भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से संवाद भी किया। देवनानी ने प्रवासी भारतीयों के सुझावों को सुना और संबंधित मंत्रीगण से उनके समाधान कराये जाने का भरोसा दिलाया।
यह यात्रा ‘राजस्थान-2047: वैश्विक नेतृत्व की ओर’ दृष्टिकोण के तहत राज्य के युवाओं, नीति-निर्माताओं और नागरिक समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। देवनानी ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वावधान में फ्रांस और जर्मनी की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए दोनों देशों की यात्रा की। इस यात्रा के तहत देवनानी ने इन देशों के सदनों का अवलोकन करने के साथ वहां के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा भी किया।देवनानी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान फ्रांस और जर्मनी में न केवल संसदीय संरचनाओं का अध्ययन किया, बल्कि भारतीय दृष्टिकोण से लोकतंत्र, सांस्कृतिक बोध और सामाजिक उत्तरदायित्व के मूल्यों और राजस्थान विधानसभा में किए गए नवाचारों को को भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत किया।