अनिल अंबानी के ठिकानों पर ED की बड़ी कार्रवाई

Edited By Shruti Jha, Updated: 24 Jul, 2025 04:36 PM

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़े 35 से अधिक परिसरों पर दिल्ली और मुंबई में बड़ी छापेमारी की है। गुरुवार सुबह से चल रहे इस सर्च ऑपरेशन में ईडी की टीमें 50 से अधिक...

अनिल अंबानी के ठिकानों पर ED की बड़ी कार्रवाई: 35 से ज्यादा जगहों पर सर्च ऑपरेशन जारी

जयपुर, 24 जुलाई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़े 35 से अधिक परिसरों पर दिल्ली और मुंबई में बड़ी छापेमारी की है। गुरुवार सुबह से चल रहे इस सर्च ऑपरेशन में ईडी की टीमें 50 से अधिक कंपनियों और 25 व्यक्तियों की भूमिका की छानबीन कर रही हैं, जिनमें कई नामचीन कॉरपोरेट हस्तियां और बैंकिंग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब सीबीआई ने दो अलग-अलग FIR दर्ज कीं, जिनमें बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे। इसी के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की है।

क्या हैं आरोप?

जांच में अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी है, जिसमें बैंकों, निवेशकों और आम लोगों के पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। आरोपों के मुताबिक, बैंकों के बड़े अधिकारियों को रिश्वत देकर बिना किसी गारंटी के भारी-भरकम लोन पास कराए गए, खासकर यस बैंक के पूर्व प्रमोटर्स को पैसे देकर।

₹3,000 करोड़ का लोन घोटाला

ईडी का आरोप है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों को करीब ₹3,000 करोड़ के लोन दिए। जांच एजेंसी का दावा है कि इन लोन को पास कराने से पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को उनकी निजी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर किए गए, जो 'कुछ दो, कुछ लो' वाली डील का संकेत देता है।

जांच में सामने आए अहम खुलासे:

  • कई कंपनियों को लोन देने से पहले उनकी वित्तीय स्थिति की ठीक से जांच नहीं की गई और न ही जरूरी दस्तावेज संलग्न थे।

  • एक ही डायरेक्टर और एक जैसे पते का उपयोग कर कई कंपनियों से लोन लिए गए।

  • फंड्स को शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया।

  • 'लोन एवरग्रीनिंग' के तहत पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन दिए गए।

  • कुछ मामलों में बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने के भी सबूत मिले हैं।

कई नियामक और वित्तीय संस्थाओं ने अपनी फाइंडिंग्स ईडी के साथ साझा की हैं, जिनमें नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), नेशनल फाइनेंस रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अनिल अंबानी की समूह कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और अंबानी को "धोखाधड़ी" खातों के रूप में वर्गीकृत किया है।

यह पहली बार नहीं है जब किसी बैंक ने इन खातों को धोखाधड़ी वाला बताया है। इससे पहले, एसबीआई ने नवंबर 2020 में आरकॉम और अंबानी के खातों को धोखाधड़ी वाला खाता घोषित किया था और 5 जनवरी, 2021 को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 6 जनवरी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया था, जिसके बाद शिकायत वापस ले ली गई थी।


रिपोर्टेड बाय: मुकेश सिंह सेंगर एडिटेड बाय: पुलकित मित्तल

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