Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 20 Jul, 2025 12:41 PM

राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी और करौली में शुक्रवार रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई की। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ी गैंग की गतिविधियों की जांच के तहत चार धर्मशालाओं पर सर्च ऑपरेशन चलाया...
जयपुर/करौली | राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी और करौली में शुक्रवार रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई की। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ी गैंग की गतिविधियों की जांच के तहत चार धर्मशालाओं पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जो रात करीब 8 बजे शुरू होकर साढ़े 3 घंटे तक चला। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी गैंग के एक सदस्य की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारियों पर आधारित थी, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए धार्मिक स्थलों को अपना ठिकाना बना रहा था। मथुरा-वृंदावन, मेहंदीपुर बालाजी और करौली को उसने बार-बार छिपने के लिए इस्तेमाल किया।
धर्मशालाओं में रजिस्टर खंगाले, डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए
एनआईए की टीम ने करौली स्थित सहरिया यात्री सेवा केंद्र, काका ई-मित्र, आशा गेस्ट हाउस सहित एक अन्य धर्मशाला में यात्री पंजीयन रजिस्टरों की गहन जांच की। जांच के दौरान टीम ने उन व्यक्तियों की जानकारी जुटाई जो बीते कुछ महीनों में इन धर्मशालाओं में ठहरे थे। काका ई-मित्र पर एनआईए को संदिग्ध पैसे के लेन-देन के साक्ष्य भी मिले हैं। टीम ने डिजिटल ट्रांजैक्शन डाटा को जब्त किया और अपने साथ ले गई।
लोकल पुलिस को नहीं दी गई सूचना, संचालकों में खलबली
छापेमारी के दौरान धर्मशाला संचालकों में हड़कंप मच गया। श्रद्धालुओं में भी असमंजस की स्थिति देखी गई। मेहंदीपुर बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह दिल्ली से संचालित की गई और स्थानीय पुलिस को पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। NIA टीम की अगुवाई कर रहे डीएसपी रामगोपाल शर्मा ने स्थानीय प्रशासन की मदद नहीं ली और पूरी कार्रवाई गोपनीय तरीके से अंजाम दी।
दिल्ली लौट गई NIA की टीम, अहम सुराग मिलने की संभावना
करीब साढ़े 3 घंटे की जांच के बाद शुक्रवार रात 11.30 बजे NIA की टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई। माना जा रहा है कि एजेंसी को लॉरेंस गैंग की धार्मिक स्थलों पर छिपने की रणनीति से जुड़ी अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। इस कार्रवाई ने यह गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं कि क्या अब अपराधी धार्मिक स्थलों को सुरक्षित पनाहगाह मानकर इस्तेमाल कर रहे हैं? NIA की इस कार्रवाई को राजस्थान में अपराध और धर्म के खतरनाक गठजोड़ के संभावित संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।