डिजिटल अरेस्ट का जाल: साइबर ठगों से ऐसे बचें, राजस्थान पुलिस ने जारी की चेतावनी, CBI/ED अधिकारी बन ठग रहे अपराधी, रहें सावधान

Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Jul, 2025 07:37 PM

digital arrest trap how to avoid cyber fraudsters

साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और अपराधी अब लोगों को ठगने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने डिजिटल अरेस्ट नामक एक धोखाधड़ी के संबंध में एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इस तरीके में अपराधी खुद को...

जयपुर, 20 जुलाई 2025 । साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और अपराधी अब लोगों को ठगने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने डिजिटल अरेस्ट नामक एक धोखाधड़ी के संबंध में एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इस तरीके में अपराधी खुद को सीबीआई, मुंबई पुलिस, कस्टम, आयकर विभाग या प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी बताकर लोगों को वीडियो कॉल पर डराते हैं और उन्हें गंभीर अपराधों में फंसाने की धमकी देकर उनके बैंक खातों से पैसे ऐंठ लेते हैं।

क्या है 'डिजिटल अरेस्ट' 
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी पीड़ितों को वीडियो कॉल करते हैं और वर्दी व फर्जी वारंट दिखाकर उन्हें धमकाते हैं। वे दावा करते हैं कि पीड़ित के बच्चों या परिवार ने ड्रग्स, रेप जैसे अपराध किए हैं, उनके मोबाइल नंबर का उपयोग देश विरोधी गतिविधियों में हुआ है, या उनके बैंक खातों में मनी लॉन्ड्रिंग या देश विरोधी गतिविधियों से संबंधित बड़ी रकम जमा है।

साइबर अपराधी पीड़ितों को धमकाकर कहते हैं पुलिस वेरिफिकेशन के लिए उन्हें अपने सभी बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और अन्य निवेश की पूरी धनराशि उनके बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर करनी होगी। वे यह भी आश्वासन देते हैं कि वेरिफिकेशन सही पाए जाने पर पैसे वापस कर दिए जाएंगे। अपराधी पीड़ितों को तब तक वीडियो कॉल पर ही रहने के लिए मजबूर करते हैं जब तक वेरिफिकेशन पूरा न हो जाए और उन्हें किसी अन्य व्यक्ति या पुलिस को इसकी सूचना न देने की धमकी देते हैं। डर के मारे लोग पीड़ित अक्सर इन अपराधियों के बताए गए यूपीआई या बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
      
राजस्थान पुलिस ने इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए अत्यंत सावधानी बरतने का आग्रह किया है:
 1. पुलिस या कोई भी सरकारी विभाग कभी भी वीडियो कॉल पर किसी को गिरफ्तार करने या अपराध में संलिप्तता की धमकी नहीं देता है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि आप ठगी का शिकार हो रहे हैं।
 2. इस तरह की किसी भी वीडियो कॉल पर कभी भी किसी अन्य खाते में धनराशि ट्रांसफर न करें। सरकारी एजेंसियां कभी भी सत्यापन के नाम पर आपसे पैसे ट्रांसफर करने को नहीं कहेंगी।
अगर आप ऐसी घटना का शिकार होते हैं तो क्या करें 

 • तत्काल अपने निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में संपर्क करें।
 • साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराएं।
 • साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके सहायता प्राप्त करें।
 • आप साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
       

एसपी सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी लगातार अपने तरीकों में बदलाव कर रहे हैं। सतर्क रहें, जागरूक रहें, और अपनी व्यक्तिगत व वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें। आपकी सावधानी ही आपको इन धोखेबाजों से बचा सकती है।
              

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