Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 28 Jul, 2025 01:09 PM

राजस्थान में पाइपलाइन के ज़रिए रसोई गैस पहुंचाने के प्रयासों को अब नई रफ्तार मिलने वाली है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.25 लाख नए घरेलू गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। अब तक राज्य में लगभग 1.15 लाख पाइप गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं,...
जयपुर। राजस्थान में पाइपलाइन के ज़रिए रसोई गैस पहुंचाने के प्रयासों को अब नई रफ्तार मिलने वाली है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.25 लाख नए घरेलू गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। अब तक राज्य में लगभग 1.15 लाख पाइप गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं, लेकिन अब 13 कंपनियों ने एक साथ मिलकर काम को तेज़ कर दिया है। हाल ही में राज्य सरकार ने 'राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025' जारी की है। इस नीति के तहत राज्य में सिटी गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने पर ज़ोर दिया जा रहा है। साथ ही, इन्वेस्टमेंट समिट में गैस कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ 8,740 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू भी साइन किए हैं।
हर जिले में पहुंच रही है पाइप गैस
राज्य में 13 कंपनियां लगभग हर जिले में पाइप गैस नेटवर्क स्थापित करने में जुटी हैं। केवल घरेलू उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों को भी डोमेस्टिक पाइप्ड नेचुरल गैस (DPNG) देने की तैयारी है।
बढ़ेगी CNG की उपलब्धता
वाहनों के लिए सीएनजी गैस की सुविधा को भी व्यापक रूप देने की योजना है। चालू वित्तीय वर्ष में 89 नए CNG स्टेशन खोलने का लक्ष्य तय किया गया है।
निगरानी के लिए समितियां
राज्य में पाइपलाइन से जुड़े कार्यों की निगरानी और गति देने के लिए अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति गठित की जा रही है। इसके अलावा हर जिले में कलक्टर की अध्यक्षता में 'डिस्ट्रिक्ट सिटी गैस कमेटी' (DCGC) बनाई जाएगी, जो ज़मीनी स्तर पर इस काम की मॉनिटरिंग करेगी।
क्यों ज़रूरी है पाइप गैस
पाइपलाइन से रसोई गैस की आपूर्ति न केवल अधिक सुरक्षित और सस्ती है, बल्कि इससे सिलेंडर ढुलाई की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में पाइप गैस की मांग तेजी से बढ़ रही है।