Edited By Sourabh Dubey, Updated: 15 Jul, 2025 02:37 PM
साल 2025 के त्योहार इस बार सामान्य वर्षों की तुलना में 11 दिन पहले आ रहे हैं। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली जैसे प्रमुख पर्व इस बार जल्दी मनाए जाएंगे, जबकि 2026 में यही पर्व 15 से 20 दिन तक देरी से आएंगे। यह बदलाव हिंदी पंचांग...
जयपुर। साल 2025 के त्योहार इस बार सामान्य वर्षों की तुलना में 11 दिन पहले आ रहे हैं। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली जैसे प्रमुख पर्व इस बार जल्दी मनाए जाएंगे, जबकि 2026 में यही पर्व 15 से 20 दिन तक देरी से आएंगे। यह बदलाव हिंदी पंचांग में चंद्रमास और अधिकमास के चक्र के कारण होता है।
2025 में जल्दी आएंगे त्योहार
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, 11 जुलाई से सावन मास शुरू हो गया है, और इसी महीने से त्योहारों का सिलसिला आरंभ हो रहा है। इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त, जन्माष्टमी 16 अगस्त, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, नवरात्रि 22 सितंबर, दशहरा 2 अक्टूबर, दीपावली 20 अक्टूबर, और देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
डॉ. व्यास के मुताबिक, “यह बदलाव इस कारण है क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर 365 दिनों का होता है, जबकि पंचांग की गणना चंद्रमास (354 दिन) पर आधारित होती है। इस कारण हर तीन साल में अधिकमास जोड़कर इस अंतर को संतुलित किया जाता है।”
2023, 2024 और 2025 की प्रमुख तिथियां (तुलनात्मक)
वर्ष 2023, 2024 और 2025 में प्रमुख त्योहारों की तिथियों में स्पष्ट अंतर देखने को मिलता है।
साल 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त, जन्माष्टमी 7 सितंबर, गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, नवरात्रि 15 अक्टूबर, दशहरा 24 अक्टूबर और दीपावली 12 नवंबर को मनाई गई थी।
वहीं 2024 में ये त्योहार पहले आ गए—रक्षाबंधन 19 अगस्त, जन्माष्टमी 26 अगस्त, गणेश चतुर्थी 7 सितंबर, नवरात्रि 3 अक्टूबर, दशहरा 12 अक्टूबर और दीपावली 31 अक्टूबर को पड़े।
जबकि 2025 में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी और भी जल्दी, क्रमशः 9 और 16 अगस्त को आएंगे। गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को, नवरात्रि 22 सितंबर को, दशहरा 2 अक्टूबर को और दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
अधिकमास का प्रभाव – 2026 में त्योहार आएंगे देरी से
2023 में सावन अधिकमास पड़ा था। अब 2026 में ज्येष्ठ अधिकमास (17 मई से 15 जून) आने वाला है, जिससे उस वर्ष त्योहार करीब 15-20 दिन देरी से आएंगे। यह अंतर हर तीन साल में आता है और पंचांगीय गणनाओं का स्वाभाविक हिस्सा है।
सावन का महत्व और व्रत-त्योहार
सावन 2025 में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक रहेगा और इसमें 4 सोमवार व्रत, 4 मंगला गौरी व्रत, हरियाली तीज, नागपंचमी, हरियाली अमावस्या और रक्षाबंधन जैसे त्योहार आएंगे। यह माह शिव भक्ति, महिलाओं के लिए सौभाग्य व्रत, और परिवारिक प्रेम के पर्वों से परिपूर्ण होगा।
तिथियों का गणित – क्यों बदलती हैं तारीखें?
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बताते हैं कि त्योहार हिंदी पंचांग की तिथि के अनुसार आते हैं, न कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार। इसलिए अधिकमास आने पर अंग्रेजी तारीखों में त्योहार जल्दी या देर से आते हैं।