अमित शाह 24 जुलाई को करेंगे ‘राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025’ का अनावरण

Edited By Shruti Jha, Updated: 22 Jul, 2025 07:16 PM

amit shah will unveil the national cooperative policy 2025 on july 24

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 24 जुलाई 2025 को अटल अक्षय ऊर्जा भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 की घोषणा करेंगे। यह नीति अगले दो दशकों, यानी 2025 से 2045 तक, भारतीय सहकारी आंदोलन के लिए एक...


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 24 जुलाई को करेंगे ‘राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025’ का अनावरण

नई नीति 2025-45 तक भारत के सहकारी आंदोलन में साबित होगी मील का पत्थर, ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को मिलेगी गति

नई दिल्ली, 22 जुलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 24 जुलाई 2025 को अटल अक्षय ऊर्जा भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 की घोषणा करेंगे। यह नीति अगले दो दशकों, यानी 2025 से 2045 तक, भारतीय सहकारी आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश साबित होगी।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारिता नीति के प्रारूप को तैयार करने वाली समिति के सदस्य, सभी राष्ट्रीय सहकारी संघों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) और वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (VAMNICOM) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में, नई सहकारिता नीति 2025 का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करना और आधुनिक बनाना है। इसका लक्ष्य जमीनी स्तर पर एक स्पष्ट रोडमैप बनाकर ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करना है।

इससे पहले, देश की पहली राष्ट्रीय सहकारिता नीति वर्ष 2002 में जारी की गई थी, जिसने सहकारी संस्थाओं की आर्थिक गतिविधियों के बेहतर प्रबंधन के लिए एक आधारभूत रूपरेखा प्रदान की थी। पिछले 20 वर्षों में वैश्वीकरण और तकनीकी प्रगति के कारण समाज, देश और विश्व में कई बड़े परिवर्तन हुए हैं। इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए एक नई नीति बनाना आवश्यक हो गया था, ताकि सहकारी संस्थाओं को वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में अधिक सक्रिय और उपयोगी बनाया जा सके और ''विकसित भारत 2047'' के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका मजबूत हो सके।

राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मुख्य उद्देश्य सहकारी संस्थाओं को समावेशी बनाना, उनका पेशेवर तरीके से प्रबंधन करना, उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना और विशेष रूप से ग्रामीण भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार और आजीविका के अवसर पैदा करने में सक्षम बनाना है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में 48 सदस्यीय राष्ट्रीय स्तर की समिति ने इस नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति को तैयार किया है। इस समिति में राष्ट्रीय/राज्य सहकारी संघों, सभी स्तरों और क्षेत्रों की सहकारी समितियों के सदस्य, संबंधित केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालय/विभाग के प्रतिनिधि और शिक्षाविद शामिल थे। एक सहभागी और और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए, समिति ने अहमदाबाद, बेंगलुरु, गुरुग्राम और पटना में 17 बैठकें और 4 क्षेत्रीय कार्यशालाएँ आयोजित कीं। इन आयोजनों में हितधारकों से प्राप्त 648 बहुमूल्य सुझावों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर उन्हें नई सहकारिता नीति में शामिल किया गया।

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