महारानी कॉलेज में मजार विवाद: हनुमान चालीसा पाठ से विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी

Edited By Shruti Jha, Updated: 15 Jul, 2025 01:59 PM

mazar dispute in maharani college protest

जयपुर के महारानी कॉलेज में एक मजार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को धरोहर बचाओ संघर्ष समिति ने कॉलेज के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर विश्वविद्यालय प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना की और मजार को हटाने की मांग की। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि...


 

महारानी कॉलेज में मजार विवाद: हनुमान चालीसा पाठ से विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी

 

जयपुर के महारानी कॉलेज में एक मजार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को धरोहर बचाओ संघर्ष समिति ने कॉलेज के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर विश्वविद्यालय प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना की और मजार को हटाने की मांग की। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि जांच कमेटी का फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।


 

"अवैध मजार बर्दाश्त नहीं"

 

धरोहर बचाओ संरक्षण समिति के अध्यक्ष भारत शर्मा ने कहा कि उन्होंने आज कॉलेज प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर प्रशासन की रिपोर्ट में उनके पक्ष में फैसला नहीं आता है, तो वे आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। शर्मा ने जोर देकर कहा कि किसी भी सूरत में अवैध मजार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब महारानी कॉलेज का निर्माण हुआ था, तब वहां किसी भी तरह की कोई मजार नहीं थी। उनका आरोप है कि यह निर्माण अचानक हुआ है और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।


 

"यह लैंड जिहाद है"

 

भारत शर्मा ने इस मामले को "लैंड जिहाद" करार दिया। उन्होंने कहा कि महारानी कॉलेज कैंपस में शैक्षणिक और सरकारी जमीन पर नियमों के विपरीत अवैध अतिक्रमण कर तीन मजारों का निर्माण कर लिया गया है। शर्मा का आरोप है कि यह लैंड जिहाद है, जिसकी आड़ में महारानी कॉलेज में "लव जिहाद" का बीज बोने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि धीरे-धीरे इस सरकारी जमीन को भी वक्फ की बताकर हड़प लिया जाएगा।

शर्मा ने सवाल उठाया कि जिस कॉलेज में पुरुषों की एंट्री ही नहीं हो सकती, वहां अचानक तीन मजारों का निर्माण कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला महारानी कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है, जो छात्राओं के भविष्य और सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है। शर्मा ने चिंता व्यक्त की कि कॉलेज कैंपस एक समुदाय विशेष का धार्मिक अड्डा बनकर रह जाएगा, जहां धीरे-धीरे धार्मिक आयोजन होने लगेंगे और भीड़ बढ़ेगी।


 

जांच जारी, 18 जुलाई को आएगी रिपोर्ट

 

जयपुर का महारानी कॉलेज राजस्थान यूनिवर्सिटी का एक संगठक कॉलेज है, जहां 6000 से अधिक सीटों पर हर साल छात्राओं का एडमिशन होता है। कॉलेज कैंपस में चार गर्ल्स हॉस्टल भी हैं, जहां लगभग 500 छात्राएं रहती हैं।

इस विवाद के बाद, कांग्रेसी विधायक अमीन कागजी ने मजार को काफी पुराना बताया था, जबकि बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा और बालमुकुंद आचार्य ने मजार को शैक्षणिक जमीन से हटाने की पैरवी की थी। इसके बाद, जिला कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जो 18 जुलाई को अपनी रिपोर्ट देगी। धरोहर बचाओ संघर्ष समिति को उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में होगा, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे जयपुर की जनता के साथ मिलकर बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

इस मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि यह मुद्दा छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा है या यह एक धार्मिक विवाद है?

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