Edited By Raunak Pareek, Updated: 01 Jul, 2025 08:17 PM

राजस्थान SI भर्ती 2021 पर पेपर लीक विवाद के बीच सरकार ने हाईकोर्ट में बड़ा बयान दिया है। एडवोकेट जनरल ने बताया कि भर्ती रद्द नहीं की जाएगी। अब 7 जुलाई को हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी।
जयपुर | राजस्थान की बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती एक बार फिर सुर्खियों में है। साल 2021 में हुई इस भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक के आरोप लगने के बाद कई अभ्यर्थियों ने इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे और कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। अब राज्य सरकार ने इस पर अपना अंतिम पक्ष हाईकोर्ट में रख दिया है।
भर्ती रद्द नहीं होगी -
सोमवार को हाईकोर्ट में पेश हुए महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर निर्णय हो चुका है कि भर्ती को रद्द नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट भी कोर्ट में एडिशनल एफिडेविट के साथ प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में साफ किया गया कि सब-कमेटी ने भी यही सिफारिश की है कि भर्ती को निरस्त न किया जाए।
अब तक की कोर्ट प्रक्रिया -
इस भर्ती को लेकर अब तक हाईकोर्ट में कई चरणों में सुनवाई हो चुकी है। कोर्ट ने सरकार को निर्णय लेने के लिए कई बार समय दिया, लेकिन सरकार की ओर से बार-बार ‘मुख्यमंत्री स्तर पर निर्णय लंबित है’ का हवाला देकर मोहलत मांगी जाती रही।
· 18 नवंबर 2024 को कोर्ट ने पहली बार यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे।
· 10 जनवरी 2025 को पुलिस मुख्यालय ने इस आदेश के आधार पर भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर रोक लगा दी थी।
· 26 मई को कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार निर्णय नहीं लेती है तो “परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।”
· इसके बाद कोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए 1 जुलाई तक का समय दिया था।
कैसे उठा विवाद -
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा 2021 में SI और प्लाटून कमांडर के कुल 859 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। लेकिन परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया और जांच एसओजी (SOG) को सौंपी गई। अब तक करीब 55 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें कुछ ट्रेनी SI भी शामिल थे। आरोप है कि करीब 400 से 500 लोग पेपर लीक की साजिश में शामिल थे।
भर्ती से जुड़े पद -
· उप निरीक्षक (A.P.) – 746 पद
· उप निरीक्षक (IB) – 64 पद
· प्लाटून कमांडर (RAC) – 38 पद
· उप निरीक्षक (MBC) – 11 पद
कुल पद – 859
राजनीतिक और प्रशासनिक पेच -
सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि एक तरफ जहां भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी है, वहीं दूसरी ओर 800 से अधिक युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। इसी वजह से भर्ती को रद्द करने की जगह दोषियों पर कार्रवाई को प्राथमिकता दी जा रही है।
अब आगे क्या?
कोर्ट ने सभी पक्षों को सब-कमेटी की रिपोर्ट की कॉपी सौंपने को कहा है और 7 जुलाई को इस पूरे मामले की अंतिम सुनवाई होगी। सभी की नजरें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। यदि कोर्ट भर्ती को जारी रखने की इजाजत देता है, तो यह हजारों युवाओं के लिए राहत की खबर होगी, वरना मामला और उलझ सकता है।