RTE दाखिला विवाद : अभिभावक सड़कों पर उतरने को तैयार

Edited By Kailash Singh, Updated: 12 Jul, 2025 07:21 PM

rte admission dispute parents ready to take to the streets

राइट टू एजुकेशन (आरटीई) पर लगातार विवाद गहराता जा रहा हैं, एक तरफ स्कूल और सरकार का यह विवाद कोर्ट में चल रहा है तो वहीं दूसरी तरह शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई की पूरी प्रक्रिया करने के बाद दाखिले के लिए लॉटरी प्रक्रिया भी पूरी कर ली है, अब अभिभावक...

जयपुर। राइट टू एजुकेशन (आरटीई) पर लगातार विवाद गहराता जा रहा हैं, एक तरफ स्कूल और सरकार का यह विवाद कोर्ट में चल रहा है तो वहीं दूसरी तरह शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई की पूरी प्रक्रिया करने के बाद दाखिले के लिए लॉटरी प्रक्रिया भी पूरी कर ली है, अब अभिभावक स्कूल, शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री के यहां ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे है, शिक्षा विभाग की तरफ से दाखिला होने के बावजूद स्कूल संचालन हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश कि हवाला देकर बच्चों के दाखिले नहीं ले रहा है, जबकि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है और आरटीई के तहत दाखिला प्राप्त विद्यार्थी घरों में बैठकर अपनी पढ़ाई का इंतजार कर रहे है। जिसके चलते अभिभावकों ने लगातार आक्रोश बढ़ता चला रहा हैं और अब सड़कों पर उतरने तक की तैयारी शुरू हो चुकी है, इसी की रणनीति बनाने को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने सोमवार को प्रातः 11 बजे शिक्षा संकुल परिसर में आरटीई के सभी पीड़ित अभिभावकों की आवश्यक बैठक बुलाई है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि स्कूल, सरकार और शिक्षा विभाग की मिलीभगत अब साफ तौर पर उजागर होने लगी है, हर साल आरटीई पर कोई ना कोई विवाद खड़ा कर जरूरतमंद और गरीब लाखों अभिभावकों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा जा रहा हैं, इस सत्र के लिए जब शिक्षा विभाग ने पूरी प्रक्रियाओं को अपनाकर स्वयं शिक्षा मंत्री के जरिए चयनित विद्यार्थियों के दाखिले की लॉटरी तक निकाल दी है तो उन्हें दाखिला क्यों नहीं दिलवाया जा रहा हैं, इस सत्र में 3.08 लाख विद्यार्थियों के आवेदन आरटीई में प्राप्त हुए है लगभग 80 हजार विद्यार्थियों का नर्सरी और कक्षा 1 में चयन स्वयं शिक्षा विभाग ने किया है, नवीन सत्र में लगभग 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों का चयन कक्षा 1 में हुआ है, छोटे स्कूल दाखिला ले रहे है किंतु बड़े स्कूल बिल्कुल भी दाखिला नहीं ले रहे है। 8 जुलाई को भी राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई होनी थी किंतु मुख्य न्यायाधीश कोर्ट ही नहीं पहुंचे, जिसकी चलते सुनवाई दो सप्ताह के लिए टल गई अब ऐसी स्थिति जो 1 महीने की पढ़ाई का नुकसान बच्चों को उठाना पड़ रहा है उसकी भरपाई कैसे संभव होगी। क्या गरीब और ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को कानून में होने के बावजूद शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं मिलेगा। इसी को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने सोमवार को अभिभावकों के साथ शिक्षा संकुल परिसर, जेएलएन मार्ग पर प्रातः 11 बजे से मीटिंग करने का निर्णय लेते हुए सड़क से लेकर कोर्ट तक संघर्ष करने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। 

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