बीजेपी प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानू के निष्कारसन के विरोध में उतरा जाट समाज

Edited By Kailash Singh, Updated: 11 Aug, 2025 01:49 PM

jat community protested against the expulsion of krishna kumar janu

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानू के निष्कासन के बाद जाट समाज खुलकर विरोध में उतर आया है। राजस्थान जाट महासभा ने पार्टी पर समाज विशेष के प्रति दुर्भावना का आरोप लगाया है और कहा है कि 40 साल से सक्रिय वरिष्ठ नेता को एक तुच्छ वजह से हटाया गया।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानू के निष्कासन के बाद जाट समाज खुलकर विरोध में उतर आया है। राजस्थान जाट महासभा ने पार्टी पर समाज विशेष के प्रति दुर्भावना का आरोप लगाया है और कहा है कि 40 साल से सक्रिय वरिष्ठ नेता को एक तुच्छ वजह से हटाया गया।

जाट महासभा का आरोप
महासभा के महासचिव महेन्द्र सिंह ने कहा कि केके जानू को पार्टी से बाहर करने की असली वजह उनका वह बयान था, जिसमें उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को सम्मानजनक विदाई न देने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अन्त्येष्टि पर राजकीय सम्मान न देना भी सवालों के घेरे में है।

चुप्पी पर सवाल
महासभा ने बीजेपी के सांसदों, विधायकों और नेताओं की चुप्पी पर सवाल खड़े किए और पूछा कि ऐसे मामलों पर संगठन में कोई खुलकर क्यों नहीं बोल रहा।

जातीय राजनीति का आरोप
बयान में कहा गया कि जानू के निष्कासन से यह संदेश जाता है कि जाट जाति भाजपा के लिए अस्वीकार्य है।
उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी सतीश पूनिया को चुनाव से ठीक पहले अध्यक्ष पद से हटाकर उनके कद को छोटा करने की कोशिश की गई थी, ताकि वे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी न कर सकें।

राजनीतिक असर
महासभा का दावा है कि प्रदेश की 110 विधानसभा सीटों और 16 लोकसभा सीटों में जाट समाज की निर्णायक भूमिका है।
बीजेपी में जाट नेताओं को दोयम दर्जा देने के आरोप के साथ चेतावनी दी गई कि यही वजह है कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी को बारी-बारी से हार का सामना करना पड़ता है।

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