Edited By Sourabh Dubey, Updated: 21 Jul, 2025 09:13 PM

भारत 23 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने जा रहा है। इस अवसर को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक बुलाई।
जयपुर। भारत 23 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने जा रहा है। इस अवसर को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक बुलाई। इस बैठक में छात्रों, वैज्ञानिकों और आमजन को भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से जोड़ने की समग्र रणनीति पर चर्चा की गई।
बैठक में इसरो अध्यक्ष श्री वी. नारायणन, संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री विवेक अग्रवाल, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु:
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प्राचीन खगोल परंपराएं और आधुनिक विज्ञान साथ-साथ:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नया देश नहीं है। हमारे पूर्वज खगोलशास्त्र में पारंगत थे। आज हम वैश्विक अंतरिक्ष ताकत बन चुके हैं।”
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छात्रों की भागीदारी होगी प्रमुख:
इस दिन को छात्रों के लिए विज्ञान मेलों, तारामंडल शो, इसरो वैज्ञानिकों से संवाद, स्कूल-कॉलेज प्रतियोगिताओं के रूप में मनाया जाएगा।
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आउटरीच और प्रदर्शनियां:
संस्कृति और विज्ञान मंत्रालय मिलकर पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचार को एक साथ प्रदर्शित करेंगे। इससे युवा वैज्ञानिक सोच को और प्रोत्साहन मिलेगा।
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अंतरिक्ष तकनीक का जनकल्याण में उपयोग:
मंत्री ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक आज भू-संपत्ति सत्यापन, आपदा चेतावनी, मौसम पूर्वानुमान, कृषि निगरानी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में आम लोगों की ज़िंदगी बदल रही है।
श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “छोटे बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगाना ज़रूरी है। अंतरिक्ष दिवस उन्हें भावी वैज्ञानिक, इंजीनियर और नवप्रवर्तक बनने के लिए प्रेरित करेगा।”
संदेश साफ है—भारत अंतरिक्ष विज्ञान की ऊंचाइयों को छूते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी साथ लेकर चल रहा है।