24 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि, गुरु पुष्य और अमृत सिद्धि योग में मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या, 24 जुलाई को मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या, पौधे लगाने से व्यक्ति की पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Jul, 2025 02:48 PM

hariyali amavasya will be celebrated on 24th july

प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में सावन माह की अमावस्या तिथि को विशेष तिथि के रूप में देखा जाता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में...

जयपुर/जोधपुर, 21 जुलाई 2025 । प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में सावन माह की अमावस्या तिथि को विशेष तिथि के रूप में देखा जाता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में श्रावण माह की अमावस्या को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंडदान एवं दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। सावन माह की अमावस्या 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार हरियाली अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि, गुरु पुष्य और अमृत सिद्धि योग रहेंगे। शास्त्रों में इस अमावस्या पर पूजा-पाठ, स्नान-दान करना उत्तम माना गया है। साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन अपने पूर्वजों की याद में पौधे लगाना शुभ रहता है। वहीं हरियाली अमावस्या पर कुछ विशेष वृक्षों की पूजा करने से ग्रह दोष भी दूर होते हैं। सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हरियाली अमावस्या पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है। इस दिन नए पौधे लगाए जाते हैं। मान्यता है कि श्रावणी अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने से जीवन के सारे कष्ट दोष दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके अलावा ये तिथि किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन किसान अपने खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और ईश्वर से अच्छी फसल होने की कामना करते हैं। 

हरियाली अमावस्या 
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जुलाई को है। ऐसे में इसी दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या का प्रारंभ- 24 जुलाई को देर रात 02:28 मिनट से
अमावस्या का समापन- 25 जुलाई को देर रात 12:40 मिनट पर होगा।
उदयातिथि के अनुसार 24 जुलाई को ही हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। 

हरियाली अमावस्या शुभ योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:15 से 04:57 तक स्नान-दान शुभ रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:55 तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 02:26 से 03:58 तक रहेगा। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। शाम 04:43 से गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बनेगा।

हरियाली अमावस्या का महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या होती है। इस दिन पेड़-पौधों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दिन पीपल और तुलसी के पौधे की पूजन का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इस दिन पौधे लगाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

पितरों की शांति के लिए करें उपाय
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली अमावस्या के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं। इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें। साथ ही गाय को चारा भी खिलाएं। हरियाली अमावस्या के दिन मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें। नदी में काले तिल प्रवाहित करें।

पीपल और तुलसी पूजन का महत्व 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन वृक्ष पूजा की प्रथा अनुसार पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा की जाएगी। वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है। इस दिन पितृ तर्पण भी किया जाता है। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। 

शांति और समृद्धि
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन माह में पड़ने वाली इस हरियाली अमावस्या पर विशेष तरह का भोजन भी बनाया जाता है, जो कि ब्राम्हणों को खिलाया जाता है। खास बात यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा भी की पूजा की जाती है। हरियाली अमावस के दिन भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रावण अमावस्या के दिन शिव भगवान की पूजा करने से घर में सुख और शांति के साथ समृद्धि भी आती है।

आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास बता रहे हैं हरियाली अमावस्या पर राशि अनुसार करें पेड़ पौधों की पूजा और लगाएं पेड़-पौधे।
मेष राशि: आंवले का पौधा
वृषभ राशि: जामुन का पौधा
मिथुन राशि: चंपा का पौधा
कर्क राशि: पीपल का पौधा
सिंह राशि: बरगद या अशोक का पौधा
कन्या राशि: शिवजी का प्रिय बेल का पौधा, जूही का पौधा
तुला राशि: अर्जुन या नागकेसर का पौधा
वृश्चिक राशि: नीम का पौधा
धनु राशि : कनेर का पौधा
मकर राशि: शमी का पौधा
कुंभ राशि: कदंब या आम का पौधा
मीन राशि: बेर का पौधा

आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास बता रहे हैं हरियाली अमावस्या पर नवग्रह को प्रसन्न करने के लिए ग्रहों के अनुसार करें पेड़ पौधों की पूजा और लगाएं पेड़-पौधे।
गुरु ग्रह के लिए: पीपल का पौधा
शुक्र ग्रह के लिए: गूलर का पौधा
शनि ग्रह के लिए: शमी का पौधा
सूर्य ग्रह के लिए: सफेद मदार या आक का पौधा
चंद्र ग्रह के लिए: पलाश का पौधा
बुध ग्रह के लिए: अपामार्ग का पौधा
मंगल ग्रह के लिए: खैर या शिशिर का पौधा
राहु ग्रह के लिए: चंदन और दूर्वा का पौधा

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