झालावाड़ में स्कूल के बाद , राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है

Edited By Shruti Jha, Updated: 26 Jul, 2025 06:20 PM

after jhalawar a round of rhetoric has started in politics

झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की दुखद मौत के बाद, राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। जहाँ पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को "हत्या" करार दिया था और भाजपा सरकार को "बच्चों की हत्यारी"...

झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की दुखद मौत के बाद, राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। जहाँ पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को "हत्या" करार दिया था और भाजपा सरकार को "बच्चों की हत्यारी" बताया था, वहीं अब उन्होंने अपने सुर बदल दिए हैं।


राजनीति नहीं, जवाबदेही की अपील

आज, यानी 26 जुलाई, 2025 को, डोटासरा ने झालावाड़ घटना पर राजनीति करने के बजाय जवाबदेही निभाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह वक्त पक्ष-विपक्ष का नहीं, बल्कि जनता के प्रति जनप्रतिनिधि के दायित्व को निभाने का है। डोटासरा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "यह वक्त पक्ष-विपक्ष का नहीं, जवाबदेही का है। आइए, हम सब राजनीति से ऊपर उठकर जनता के प्रति जनप्रतिनिधि की जवाबदेही का दायित्व निभाएं और संवेदना से संकल्प का प्रण दोहराएं।"


जर्जर स्कूलों के लिए फंड की मांग

गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर कलेक्टर को एक पत्र लिखकर लक्ष्मणगढ़ इलाके के जर्जर स्कूलों, आंगनबाड़ियों और अन्य सरकारी इमारतों की मरम्मत के लिए अपने विधायक फंड से पैसा देने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने राज्य के सभी सांसदों और विधायकों से भी अपील की है कि वे अपने सांसद फंड और विधायक फंड का उपयोग जर्जर सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए करें। उनका मकसद है कि भविष्य में झालावाड़ जैसी कोई और दुखद घटना न हो और किसी मां की गोद सूनी न हो।


डोटासरा का एक दिन पहले का बयान: "ये सिर्फ हादसा नहीं, हत्या है!"

यह ध्यान देने योग्य है कि डोटासरा ने झालावाड़ घटना के ठीक एक दिन पहले, 25 जुलाई को एक कड़ा बयान दिया था। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, "ये सिर्फ हादसा नहीं, हत्या है! भाजपा सरकार के कॉलेप्स सिस्टम की आपराधिक लापरवाही का नतीजा है।" उन्होंने सरकार पर जर्जर स्कूल भवनों की बार-बार अनदेखी करने और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट जारी न करने का आरोप लगाया था। डोटासरा ने सवाल उठाया था कि जब मंत्रियों के बंगलों की मरम्मत हो सकती है, तो स्कूलों की मरम्मत के लिए बजट क्यों नहीं था। उन्होंने सीधे तौर पर सरकार को मासूमों की मौत का जिम्मेदार ठहराया था।


पीड़ितों को मिलेगी सहायता

इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी झालावाड़ के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सहायता राशि के साथ-साथ संविदा पर नौकरी का जॉइनिंग लेटर भी सौंपा। सरकार ने घोषणा की है कि झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से जान गंवाने वाले सातों बच्चों के परिवार वालों को 10 लाख रुपये और संविदा पर नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही, नए स्कूल भवनों में बनने वाले क्लास रूम का नाम मृतक बच्चों के नाम पर रखा जाएगा, ताकि उनकी यादें बनी रहें।

यह घटना एक बार फिर राज्य में जर्जर सरकारी इमारतों, खासकर स्कूलों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है और इस बात पर जोर देती है कि इस दिशा में तत्काल और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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