Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 24 Jul, 2025 02:32 PM

राजस्थान की सियासत में हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का राजनीतिक कद न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर मजबूत हुआ है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी...
जयपुर। राजस्थान की सियासत में हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का राजनीतिक कद न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर मजबूत हुआ है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ा बदलाव सामने आया है।
शाह के दौरे से भाजपा को मिली नई दिशा
अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की उच्च स्तरीय बैठकों और सार्वजनिक मंचों पर मौजूदगी ने साफ कर दिया है कि पार्टी आलाकमान उन्हें आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद चेहरा मान रहा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के कामकाज के तौर-तरीकों और उनकी निर्णय क्षमता की सराहना की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह का दौरा मुख्यमंत्री के लिए एक तरह का "राजनीतिक प्रमोशन" साबित हुआ है। पार्टी ने भजन लाल शर्मा को न केवल नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने के संकेत दिए हैं, बल्कि संगठन और सरकार के बीच समन्वय की बड़ी जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है।
सरकार की ओर से बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रशासनिक सुशासन और विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से हाल ही में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस फेरबदल के तहत राज्य के कई जिलों में कलेक्टर, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर जैसे प्रमुख जिलों में नए अधिकारियों की नियुक्ति कर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि काम में लापरवाही और विकास कार्यों में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनहित आधारित सुशासन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह फेरबदल राज्य सरकार की जनहित केंद्रित प्रशासन नीति का हिस्सा है। इसका मकसद शासन व्यवस्था को अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना, जन शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करना और विकास योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करना है। राज्य सरकार का कहना है कि वह प्रदेश में “रिजल्ट ओरिएंटेड गवर्नेंस” को प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जवाबदेही तय करने, कार्य निष्पादन में पारदर्शिता और आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान पर विशेष फोकस किया जा रहा है।