Edited By Rahul yadav, Updated: 15 Jul, 2025 03:01 PM

"नेताजी तुम मौज करो, हम तुम्हारे साथ हैं..." – यह तीखा कटाक्ष हाल ही में एक स्कूली छात्रा ने किया, जो वायरल होते ही प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया। वीडियो में छात्रा घुटनों तक भरे पानी में स्कूल से लौटते हुए नजर आ रही थी। यह वीडियो न सिर्फ सोशल...
स्कूली छात्रा के कटाक्ष ने खोली सिस्टम की पोल, डोटासरा पहुंचे गांव, शुरू हुआ सुधार कार्य
"नेताजी तुम मौज करो, हम तुम्हारे साथ हैं..." – यह तीखा कटाक्ष हाल ही में एक स्कूली छात्रा ने किया, जो वायरल होते ही प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया। वीडियो में छात्रा घुटनों तक भरे पानी में स्कूल से लौटते हुए नजर आ रही थी। यह वीडियो न सिर्फ सोशल मीडिया पर तूफान बनकर उभरा, बल्कि प्रशासन को भी हरकत में ला दिया।
छात्रा का नाम शिवानी प्रजापत है, जो सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के गाड़ोदा गांव की रहने वाली है और स्थानीय सरकारी स्कूल में 9वीं की छात्रा है। 9 जुलाई को लक्ष्मणगढ़ में मूसलधार बारिश के बाद स्कूल की छुट्टी के समय जब वह घर लौट रही थी, तो गांव के ब्राह्मणों के मोहल्ले में पानी भराव के बीच चलते हुए उसने नेताओं पर जमकर तंज कसे।
शिवानी के शब्द थे:
"नेताजी तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं... अरे संघर्ष किसका? नेताजी तो एसी में बैठे रहते हैं। संघर्ष तो हमें ही करना होता है, ये बात कब समझ आएगी!"
उसने खराब जनरेटर और ट्रांसफार्मर की ओर इशारा करते हुए कहा, "यह विकास है? एक खटारा जनरेटर रखा है जो न चलता है, न हिलता है। पानी में डूबा ट्रांसफार्मर किसी की जान भी ले सकता है।"
वीडियो वायरल होते ही राज्य में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली को लेकर बहस छिड़ गई। शिवानी के पिता सीताराम प्रजापत गांव में टाइल्स लगाने का काम करते हैं। उसका छोटा भाई छठी कक्षा में पढ़ता है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी वीडियो देखा और तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने शिवानी और गांव के लोगों को अपने सीकर कार्यालय बुलाकर मुलाकात की। डोटासरा ने न सिर्फ शिवानी की सराहना की, बल्कि तत्काल नाली निर्माण और पानी निकासी कार्य शुरू करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा विधायक कोटे से जनरेटर के लिए आर्थिक सहायता भी दी गई।
डोटासरा ने मुलाकात के दौरान कहा, "बेटी शिवानी को धन्यवाद, जिसने ये समस्या सबके सामने रखी। हमें खुशी है कि हमारे युवा अब सीधे समस्याएं उजागर कर रहे हैं, और हम उसका समाधान करेंगे।"
सोशल मीडिया पर डोटासरा की कार्रवाई की सराहना भी हुई और आलोचना भी। कुछ यूजर्स ने इसे "जमीनी हकीकत और चुनावी वादों के बीच का फर्क" बताया, तो कुछ ने कहा, "शिवानी की एक आवाज ने बता दिया कि बदलाव के लिए सिर्फ हिम्मत चाहिए।"
यह घटना न सिर्फ एक वीडियो वायरल होने की कहानी है, बल्कि यह दिखाती है कि जब नागरिक जागरूक हो जाएं, तो सिस्टम भी जवाबदेह बनने को मजबूर हो जाता है।