Edited By Rahul yadav, Updated: 15 Jul, 2025 02:42 PM

यहां राजस्थान में मानसून को आए हुए एक महीने से अधिक हो गया है। शुरूआती बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी थी, वहीं अब यह बारिश जल प्रलय का रूप ले चुकी है। राज्य के कई हिस्सों में हर ओर पानी-पानी नजर आ रहा है, मानो राजस्थान थम सा गया हो।
यहां राजस्थान में मानसून को आए हुए एक महीने से अधिक हो गया है। शुरूआती बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी थी, वहीं अब यह बारिश जल प्रलय का रूप ले चुकी है। राज्य के कई हिस्सों में हर ओर पानी-पानी नजर आ रहा है, मानो राजस्थान थम सा गया हो।
प्रतापगढ़, पाली, कोटा, चित्तौड़गढ़, जोधपुर, नागौर और अजमेर जैसे जिले बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रतापगढ़ में एक दर्दनाक हादसा हुआ। पीपलखूंटा थाना क्षेत्र के कुड़ी पाड़ा में एक जर्जर वन विभाग की चौकी का छज्जा गिर गया, जिससे तीन मासूम बच्चों की मलबे में दबकर मौत हो गई। ये बच्चे – मुकेश (15), रतनलाल (14) और गजेंद्र (16) – पास के जंगल में बकरियां चराने गए थे। खेलते-खेलते वे चौकी के बरामदे में पहुंच गए, तभी अचानक छज्जा गिर गया।
राजसमंद के कांकरोली थाना क्षेत्र में भी एक पुराना मकान गिरने से एक अधेड़ की मौत हो गई और एक बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
कोटा संभाग में भी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार को रिकॉर्ड बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव हो गया। लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए टीमें तैनात की हैं और मंगलवार को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
पाली जिले में लूणी-मारवाड़ रेल खंड सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पटरियों के नीचे से मिट्टी खिसकने के कारण पाली मारवाड़ और बोमादरा रेलवे स्टेशनों के बीच रेल यातायात बाधित हो गया है। कई ट्रेनों को समदड़ी-भीलड़ी मार्ग से डायवर्ट किया गया है।
जयपुर के निकट चौमूं कस्बे में भारी बारिश के कारण मुख्य बाजारों और सुभाष सर्किल पर जलभराव हो गया है, जिससे आमजन और व्यापारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाए, जिससे व्यापार ठप हो गया।
धौलपुर जिले में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। अब तक जिले में 426 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। सैपऊ, सखवारा और मलोनी खुर्द के पास बह रही पार्वती नदी पर बनी रपटों पर तीन से चार फीट पानी चल रहा है, जिससे करीब दो दर्जन गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
राहत की बारिश अब आफत बन चुकी है, और राजस्थान के कई जिले प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं।