Edited By Raunak Pareek, Updated: 23 Jul, 2025 02:38 PM

राजस्थान की सियासत में तीसरे मोर्चे की नई तस्वीर सामने आ रही है। दिल्ली में मानसून सत्र के दौरान भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत और RLP के हनुमान बेनीवाल की नजदीकियों ने राज्य की राजनीति में नए समीकरण के संकेत दिए हैं।
राजस्थान की राजनीति में तीसरे मोर्चे की चर्चा फिर जोर पकड़ रही है। जहां कभी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) को इसका चेहरा माना जाता था, वहीं अब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) तेजी से उभरती हुई दिखाई दे रही है। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता—राजकुमार रोत और हनुमान बेनीवाल—अब न सिर्फ साथ दिखाई दे रहे हैं, बल्कि एकजुट होकर दिल्ली की राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
हाल ही में दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक के दौरान इन दोनों नेताओं की साझा तस्वीरें सामने आईं, जिनमें उनके साथ भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भी मौजूद थे। ये तस्वीरें राजस्थान की सियासत में भविष्य के गठबंधन की झलक दे रही हैं।
राजकुमार रोत की भारत आदिवासी पार्टी ने कम समय में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है—राजस्थान में चार विधायक, एक सांसद और मध्य प्रदेश में भी पार्टी की मौजूदगी। वहीं, हनुमान बेनीवाल लंबे समय से किसान मुद्दों और युवाओं की आवाज संसद में उठाते रहे हैं। अब दोनों नेता मिलकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ संसद में एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार हैं।
हनुमान बेनीवाल पहले ही एलान कर चुके हैं कि वे एसआई भर्ती जैसे मुद्दों पर संसद में मुखर होंगे। वहीं, राजकुमार रोत आदिवासी समाज की आवाज को मजबूती से रखने वाले हैं। यह साझेदारी केवल संसद तक सीमित नहीं दिख रही—यह राजस्थान की विधानसभा राजनीति में भी बदलाव ला सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर दोनों नेता मिलकर आगामी चुनावों में तालमेल करते हैं, तो यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। दोनों नेताओं की दोस्ती अब राजनीतिक समझ में बदलती दिख रही है। अब सवाल यह है कि क्या यह दोस्ती राजनीतिक गठबंधन में बदलेगी? क्या यह तीसरे मोर्चे की एक नई शुरुआत होगी? जवाब समय देगा, लेकिन संकेत बड़े साफ हैं।