Edited By Raunak Pareek, Updated: 17 Jul, 2025 04:06 PM

भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत की भील प्रदेश की मांग पर भारतीय जनता पार्टी के नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मांग को प्रदेशद्रोह की श्रेणी में बताया था. जिस पर रोत ने भी पटलवार किया।
राजस्थान में भील प्रदेश की मांग पर सियासत गर्मा गई है। भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को खुला पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई है। राठौड़ ने हाल ही में भील प्रदेश की मांग को "प्रदेशद्रोह" बताया था, जिस पर रोत ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बयान न सिर्फ संविधान विरोधी है, बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेताओं का अपमान भी है।
राजकुमार रोत ने लिखा कि राठौड़ जैसे वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक से ऐसी ‘तथ्यहीन और भ्रामक’ टिप्पणी की अपेक्षा नहीं थी। उन्होंने याद दिलाया कि नंदलाल मीणा जैसे मंत्री भी इस मांग के समर्थन में रहे हैं। रोत ने झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के गठन का उदाहरण देते हुए कहा कि भील प्रदेश की मांग पूरी तरह संवैधानिक और लोकतांत्रिक है।
उन्होंने लिखा कि "भील प्रदेश हमारे पुरखों का संकल्प है, एक सच्चाई है और हमारा अधिकार है। जिसे हम संविधान के दायरे में रहकर हासिल करेंगे।" साथ ही यह भी कहा कि राजेंद्र राठौड़ जैसे अनुभवी नेताओं को पहले संविधान और इतिहास का अध्ययन करना चाहिए, फिर कोई बयान देना चाहिए।
राजकुमार रोत के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस और समर्थन का सिलसिला तेज हो गया है। क्या राजस्थान की राजनीति अब अलग भील प्रदेश के मुद्दे पर नए मोड़ पर आ रही है? या ये सिर्फ चुनावी हथकंडा है? जोहार... जय संविधान... जय भील प्रदेश!