सोशल मीडिया पर 'तस्वीर' का इस्तेमाल कर साइबर धोखाधड़ी

Edited By Kailash Singh, Updated: 18 Jul, 2025 04:55 PM

cyber fraud using  photo  on social media

राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर अपराधों की बढ़ती और बदलती प्रकृति के प्रति आगाह किया है। पुलिस ने एक नई तरह की धोखाधड़ी के संबंध में चेतावनी जारी की है, जिसमें साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नामचीन व्यक्तियों, परिचितों, या...

सोशल मीडिया पर 'तस्वीर' का इस्तेमाल कर साइबर धोखाधड़ी
जयपुर 18 जुलाई। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर अपराधों की बढ़ती और बदलती प्रकृति के प्रति आगाह किया है। पुलिस ने एक नई तरह की धोखाधड़ी के संबंध में चेतावनी जारी की है, जिसमें साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नामचीन व्यक्तियों, परिचितों, या किसी फर्म/कंपनी के प्रमुख की तस्वीर लगाकर लोगों को ठग रहे हैं। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ठग अक्सर विभागों के प्रमुखों, नामचीन व्यक्तियों, या किसी कंपनी के चेयरमैन/मालिक की प्रोफाइल तस्वीर का इस्तेमाल करते हैं। वे या तो खुद को वह व्यक्ति बताते हैं या खुद को उनके अधीन काम करने वाला बताकर अपने मोबाइल नंबर से मैसेज या कॉल करते हैं।
     धोखेबाज स्वयं को या उस व्यक्ति को किसी बैठक में व्यस्त या आपात स्थिति में होने का बहाना बनाते हैं, और तत्काल पैसों की मांग करते हैं। वे प्रोजेक्ट से संबंधित खर्च, आपातकालीन स्थिति या सरकारी खर्च का बहाना बनाकर आमजन, कनिष्ठ अधिकारियों या कर्मचारियों को फोन/वीडियो कॉल करते हैं और यूपीआई के माध्यम से तुरंत पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश देते हैं। कई बार लोग इन निर्देशों को वास्तविक मानकर या डर के मारे पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। जब बाद में असली व्यक्ति से संपर्क किया जाता है, तब तक साइबर अपराधी राशि निकाल चुके होते हैं।
     राजस्थान पुलिस ने इस नई साइबर अपराध तकनीक से बचाव के लिए निम्नलिखित सलाह दी है:
 1. प्रोफाइल पर लगी तस्वीर देखकर झांसे में न आएं। तस्वीर को ही सत्यता का प्रमाण न मानें।
 2. अनजान व्यक्ति द्वारा तुरंत पैसे मांगे जाने पर पूरी तरह जांच-पड़ताल करें कि आप पैसे किसे दे रहे हैं। सीधे पैसे ट्रांसफर न करें।
 3. साइबर ठग अक्सर मेडिकल आपात स्थिति या समय की कमी का झांसा देकर जल्दी पैसे देने का दबाव बनाते हैं। ऐसी स्थिति में अत्यधिक सावधान रहना आवश्यक है।
 4. किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर अपने नजदीकी पुलिस थाने में कार्यरत साइबर हेल्पडेस्क से संपर्क करें।
 5. पुलिस मुख्यालय की हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 / 9257510100 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
 6.  यदि आप इस प्रकार की घटना का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाईन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in), या निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन को सूचना दें।
     राजस्थान पुलिस आमजन से अपील करती है कि वे इन साइबर ठगों से सतर्क रहें और किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

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