Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 25 Dec, 2025 03:42 PM

राजस्थान पुलिस द्वारा प्रदेश में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है
जयपुर । राजस्थान पुलिस द्वारा प्रदेश में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में IIS (मानित विश्वविद्यालय) के इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ़ गर्ल्स में आयोजित एनएसएस कैंप के दौरान छात्राओं को आत्मरक्षा और साइबर अपराधों से बचाव का सघन प्रशिक्षण दिया गया।
डरना नहीं, डटकर मुकाबला करना सीखें
कार्यक्रम की मुख्य प्रशिक्षक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कम्युनिटी पुलिसिंग सुनीता मीना ने छात्राओं को व्यावहारिक आत्मरक्षा की तकनीकें सिखाईं। उन्होंने बताया कि विपरीत परिस्थितियों में घबराने के बजाय अपनी शारीरिक क्षमताओं और आस-पास मौजूद संसाधनों का उपयोग कर कैसे सुरक्षित निकला जा सकता है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में आत्मविश्वास पैदा करना और उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाना रहा।
साइबर अपराधों से बचाव की जानकारी
वर्तमान दौर में बढ़ते डिजिटल अपराधों को देखते हुए सत्र में साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया। छात्राओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी, सोशल मीडिया के जोखिम, फर्जी कॉल, संदिग्ध लिंक और साइबर बुलिंग जैसे खतरों के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में राजस्थान पुलिस की हेल्पलाइन सेवाओं और राजकोप सिटीजन ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।
सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का संदेश
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता मीना ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवतियों की सुरक्षा केवल कानून तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म का जिम्मेदारी से उपयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
जिज्ञासाओं का समाधान और सकारात्मक पहल
कार्यक्रम के अंत में आयोजित संवाद सत्र में छात्राओं ने सुरक्षा से जुड़े अपने सवाल पूछे, जिनका मौके पर ही समाधान किया गया। कॉलेज प्रशासन और एनएसएस इकाई ने राजस्थान पुलिस के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे छात्राओं के सर्वांगीण विकास और सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी पहल बताया।