Edited By Sourabh Dubey, Updated: 22 Jul, 2025 01:55 PM

भारत के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने धनखड़ के इस्तीफे को...
जयपुर। भारत के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने धनखड़ के इस्तीफे को “यूज़ एंड थ्रू” राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि भाजपा ने एक किसान पुत्र को इस्तेमाल कर किनारे कर दिया।
डोटासरा ने कहा कि “विश्वास नहीं हो रहा कि उपराष्ट्रपति जैसे गरिमामय पद से स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया गया हो। हाल ही में उन्होंने जो विचार सार्वजनिक मंचों और मीडिया के माध्यम से रखे, वो भाजपा हाईकमान को पसंद नहीं आए होंगे।” उन्होंने इशारों में कहा कि “राजस्थान में पहले भी ऐसा देखा गया है, जब किसी से काम करवा कर उसे पद से हटा दिया गया।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने धनखड़ के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था, “विपक्ष दुश्मन नहीं होता।” डोटासरा ने इसे एक सच्चे जनप्रतिनिधि की आत्मा की आवाज़ बताते हुए कहा कि शायद यही बात भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को असहज कर गई।
डोटासरा ने भाजपा पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा में किसान और किसान समुदाय के लिए कोई जगह नहीं है। एक दिन सच्चाई ज़रूर सामने आएगी। जिस तरह से किसानों के बेटे को हटाया गया, उससे भाजपा की मंशा उजागर हो गई है।”
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पहले सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इसे एक "राजनीतिक योजना" का हिस्सा बताते हुए कहा था कि धनखड़ किसी दबाव में थे।
अब कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं की ओर से आए इन बयानों ने राजस्थान ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है।