Edited By Sourabh Dubey, Updated: 22 Jul, 2025 12:55 PM

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे आरएसएस और भाजपा की ओर से रची गई कोई बड़ी राजनीतिक साजिश करार दिया है और दावा किया कि यह फैसला धनखड़ पर बने दबाव का नतीजा हो सकता है।
जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे आरएसएस और भाजपा की ओर से रची गई कोई बड़ी राजनीतिक साजिश करार दिया है और दावा किया कि यह फैसला धनखड़ पर बने दबाव का नतीजा हो सकता है।
गहलोत ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “धनखड़ संसद में लगातार किसानों की आवाज उठा रहे थे। उन्होंने कृषि मंत्री तक को खरी-खोटी सुनाई थी। ऐसे में अचानक इस्तीफा देना यह दर्शाता है कि वे किसी दबाव में थे।”
गहलोत ने याद दिलाया कि कुछ समय पहले उन्होंने जोधपुर में बयान दिया था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दबाव में काम कर रहे हैं, जिसे खुद धनखड़ ने बाद में जयपुर में खारिज किया था।
उन्होंने सवाल किया कि, “जब देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे लोग दिल की सर्जरी जैसी गंभीर स्थितियों में भी इस्तीफा नहीं देते, तो फिर स्वास्थ्य कारणों का हवाला क्यों? क्या इसके पीछे कोई और योजना है?”
गहलोत ने इस घटनाक्रम को देश के सामने ‘संशय की स्थिति’ पैदा करने वाला बताया। उन्होंने राजस्थान के लोगों की भावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, “धनखड़ एक राजस्थानी सपूत हैं और उनका यूं अचानक इस्तीफा देना आम जनता के लिए भी धक्का देने वाला है।”
उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री को स्वयं पहल कर धनखड़ से इस्तीफा वापस लेने की अपील करनी चाहिए। इससे देश में राजनीतिक स्थिरता और लोकतंत्र में विश्वास कायम रहेगा।”