Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Sep, 2024 08:53 PM
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के सियासी रण में अब राजस्वमंत्री हेमंत मीणा ने भी एंट्री कर ली है। शुक्रवार को हुए प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ के चुनाव में हेमंत मीणा को अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल को सचिव चुना गया। इस चुनावी...
जयपुर, 20 सितंबर 2024 । राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के सियासी रण में अब राजस्वमंत्री हेमंत मीणा ने भी एंट्री कर ली है। शुक्रवार को हुए प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ के चुनाव में हेमंत मीणा को अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल को सचिव चुना गया। इस चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ अलवर जिला क्रिकेट संघ का भी चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें भाजपा विधायक जसवंत यादव के बेटे मोहित यादव ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए ) की राजनीति में बड़े राजनीतिक परिवारों के प्रभाव बढ़ते जा रहे हैं। हाल के चुनावों में कई भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बेटे राजस्थान के विभिन्न जिला क्रिकेट संघों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हुए हैं।
प्रमुख राजनीतिक नेताओं के पुत्रों की एंट्री
पराक्रम सिंह: भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के पुत्र, चूरू जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं।धनंजय सिंह: चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बेटे, नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं।आशीष तिवाड़ी: राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी के पुत्र, सीकर जिला क्रिकेट संघ में कोषाध्यक्ष हैं।
पवन दिलावर: शिक्षा और पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर के पुत्र, बारां जिला क्रिकेट संघ में कोषाध्यक्ष हैं। यश जैन: पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के बेटे, बारां क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं।अर्जुन बेनीवाल: भादरा विधायक संजीव बेनीवाल के बेटे, जिला क्रिकेट संघ में सचिव हैं।
वैभव गहलोत: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे, जो आरसीए की कमान संभाल चुके हैं, वर्तमान में राजसमंद जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष हैं।
आरसीए की राजनीति में कई विधायक और पूर्व विधायक भी हैं सक्रिय
जयदीप बिहाणी: श्रीगंगानगर में विधायक और आरसीए एडहॉक कमेटी के संयोजक, श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष हैं।
रोहित बोहरा: राजाखेड़ा विधायक, धौलपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं।
रतन देवासी: रानीवाड़ा विधायक, जालोर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं।
संयम लोढ़ा: पूर्व विधायक, सिरोही जिला क्रिकेट संघ के सचिव हैं।
जिला क्रिकेट संघों में एंट्री की प्रक्रिया
जिला स्तर पर क्रिकेट संघ में एंट्री के लिए सबसे पहले किसी रजिस्टर्ड क्लब का सदस्य बनना पड़ता है। इसके बाद, जिला स्तर पर चुनाव होते हैं, जिसमें सभी रजिस्टर्ड क्लबों के पदाधिकारी वोटिंग करते हैं। इस प्रक्रिया के बाद जिला क्रिकेट संघ की कार्यकारिणी का गठन होता है।
आरसीए में कुल 6 प्रमुख पदों पर चुनाव
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव, और कार्यकारिणी के पदों पर चुनाव होते हैं। प्रदेश के 33 जिला क्रिकेट संघों के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष इन पदों के लिए चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन वोटिंग का अधिकार सिर्फ जिला क्रिकेट संघ के सचिव को होता है।
आरसीए में राजनीतिक प्रभाव बढ़ने से राजस्थान क्रिकेट की राजनीति और भी रोचक हो गई है, और आने वाले समय में इस पर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान और बढ़ने की संभावना है।
एडहॉक कमेटी के गठन के बाद से भाजपा नेताओं की एंट्री
राजस्थान में भाजपा सरकार के गठन के बाद से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की मौजूदा कार्यकारिणी को फरवरी में भंग कर एडहॉक कमेटी का गठन किया गया था। इसके बाद से ही भाजपा से जुड़े नेताओं और मंत्रियों के पुत्रों कीआरसीए में एंट्री होने लगी है।
भाजपा नेताओं के बीच खींचतान
आरसीए के जिला संघों में अब पांच भाजपा नेताओं के पुत्र पदाधिकारी बन चुके हैं, जिससे भाजपा के भीतर ही पदों को लेकर खींचतान बढ़ गई है। अब यह माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा आरसीए अध्यक्ष पद को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। मौजूदा भाजपा मंत्री और पदाधिकारी भी आरसीए की राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं, जिससे यह सियासी संघर्ष और बढ़ सकता है।
आरसीए के चुनाव की तैयारी
इस राजनीतिक हलचल के बीच उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव जल्द ही आयोजित किए जा सकते हैं। भाजपा के भीतर इस मुद्दे को लेकर तेज़ी से चर्चाएं हो रही हैं, और आने वाले समय में आरसीए की राजनीति में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।