Edited By Shruti Jha, Updated: 31 Jul, 2025 04:53 PM

झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल में हुए दुखांतिका, जिसमें सात बच्चों की मृत्यु हो गई थी और 21 घायल हुए थे, की जांच रिपोर्ट में अब 'तकनीकी खामी' को छत गिरने का कारण बताया गया है. इसके बाद अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) ने निलंबित किए गए...
झालावाड़ स्कूल हादसा: 'तकनीकी खामी' थी कारण तो शिक्षकों का निलंबन क्यों? - अरस्तु ने उठाए सवाल
जयपुर: झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल में हुए दुखांतिका, जिसमें सात बच्चों की मृत्यु हो गई थी और 21 घायल हुए थे, की जांच रिपोर्ट में अब 'तकनीकी खामी' को छत गिरने का कारण बताया गया है. इसके बाद अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) ने निलंबित किए गए शिक्षकों और अधिकारियों की बहाली की मांग की है.
अरस्तु के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा है कि इस हृदय विदारक घटना के बाद बिना किसी पुख्ता तहकीकात के शिक्षा मंत्री ने प्रधानाध्यापक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) तक को जिम्मेदार ठहराकर निलंबित कर दिया था, जो कि पूर्णतया गलत और नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है. अग्रवाल ने दावा किया कि छत जर्जर हालत में नहीं थी, बल्कि दो अन्य कमरे जर्जर थे जिनमें ताले लगे हुए थे. उन्होंने आशंका जताई कि छत के अचानक गिरने के पीछे "कमीशन बाजी की दीमक" थी.
संघ के अनुसार, पिपलोदी स्कूल 1992 में क्रमोन्नत हुआ था और 1994 में कमरों का निर्माण जिला परिषद द्वारा करवाया गया था. 2023 में, जिस कमरे की छत गिरी थी, उसकी मरम्मत के लिए जिला परिषद ने एक लाख रुपये की राशि आवंटित की थी. मरम्मत का कार्य तात्कालिक सरपंच भगवती पति राम प्रसाद लोधा, ग्राम पंचायत मनपसर द्वारा करवाया गया था. अरस्तु का आरोप है कि "कमीशन बाजी के कारण मरम्मत में तकनीकी खामियां रह गईं." यह निर्माण कार्य जिला परिषद/पंचायत मनपसर के सिविल इंजीनियर की देखरेख में हुआ था और उन्हीं के द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया गया था.
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिला परिषद झालावाड़ के सीईओ, श्री शंभू दयाल मीणा द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है कि छत में तकनीकी खामियां रह जाने के कारण ही छत अचानक गिरी थी.
संगठन ने आगे कहा कि सीईओ की जांच रिपोर्ट और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर यह स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि अचानक छत गिरने के पीछे स्कूल स्टाफ या शिक्षा अधिकारी की कोई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी.
अरस्तु संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सीईओ जिला परिषद झालावाड़ की जांच रिपोर्ट और इन तथ्यों के मद्देनजर, शिक्षा मंत्री द्वारा डीईओ से लेकर पिपलोदी स्कूल स्टाफ का कराया गया निलंबन आदेश तत्काल प्रत्याहरित किया जाए और उनकी सम्मानजनक बहाली के आदेश जारी किए जाएं.