राज्यपाल बागडे ने विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन पर बोले !

Edited By Shruti Jha, Updated: 17 Jul, 2025 07:45 PM

governor bagde spoke on the issue of naac accreditation of universities

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नामांकन और परीक्षा ही एक मात्र ध्येय नहीं होना चाहिए।  वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर कार्य हो, इसके प्रयास किए जाएं।  उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह किया गया है कि जिस कॉलेज...

राज्यपाल बागडे ने विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता से संबंधित विशेष समीक्षा बैठक ली

जयपुर, 17 जुलाई 2025। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नामांकन और परीक्षा ही एक मात्र ध्येय नहीं होना चाहिए।  वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर कार्य हो, इसके प्रयास किए जाएं।  उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह किया गया है कि जिस कॉलेज में सुविधा नहीं, अच्छे शिक्षक रखने की क्षमता नहीं है तो उसे बंद किया जाता है। यही व्यवस्था सभी स्थानों पर होनी चाहिए।  उन्होंने एक वर्ष पहले राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन के लिए हुई पहल की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय को सफलता मिली हैं। प्रयास करें जल्द दूसरे विश्वविद्यालय भी इस सम्बन्ध में निर्धारित औपचारिकताएं पूरी कर आगे बढ़ें।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पाठयपुस्तको के अलावा भी दूसरे विषयों का सम सामयिक ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाए। इसी से शिक्षा युगानुकुल हो सकेगी। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता में वृद्धि के लिए विद्यार्थियों को कॉपी करके पास होने की प्रवृति की बजाय शिक्षको द्वारा परिवेश की समझ, भारतीय प्राचीन ज्ञान की समृद्ध दृष्टि और आधुनिक विकास से जुड़े समय संदर्भों की जानकारी से समृद्ध किए जाने पर जोर दिया।

राज्यपाल बागडे गुरुवार को राजभवन में विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता से सम्बन्धित विशेष समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए उच्च शिक्षण संस्थान की शिक्षा विभाग अनुमति दें तो यह देखें कि वहां पढ़ाने की अच्छी व्यवस्था, विद्यार्थियों के लिए बेसिक सुविधाएं हों। संस्थान अच्छे प्रोफेशर रखने की क्षमता रखता है भी या नहीं, इसे विशेष रूप से सुनिश्चित किया जाए। 

राज्यपाल ने कहा कि किसी शिक्षण संस्थान के  विद्यार्थी राष्ट्र उत्पादक होते हैं।  इसलिए उनकी शैक्षिक गुणवत्ता में  किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विद्यार्थी शिक्षण संस्थान का एक तरह से प्रोडक्ट होता है। वह अच्छा नहीं है तो पदवी देने वाले संस्थान की खामी हैं। 
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की क्वालिटी ख़राब होने से देश का नुकसान होगा। विद्यार्थी देश की प्रगति का साधन है। उन्होंने इंजीनियरिंग और कृषि शिक्षा के अंतर्गत हुनरमंद लोगों को तैयार किए जाने पर भी जोर दिया।  उन्होंने कहा कि सारी शिक्षा एक छत के नीचे आए। विश्व के शीर्ष शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापकों को बुलाकर उनके व्याख्यान विश्वविद्यालयों में हों ताकि विद्यार्थी स्वतंत्र चिंतन से जुड़ सके। उन्होंने कहा कि विनोबा भावे ने कहा था कि देश जब स्वतंत्र हुआ उसी दिन शिक्षा नीति बदलनी चाहिए थी। ब्रिटिश सरकार में लागू शिक्षा नीति उनके खुद के अनुकूल थी। वह हमारी नहीं है। वहीं चलतीं रही। अब नई शिक्षा नीति बनी है जो पूरी तरह से भारतीय है। उन्होंने कहा कि प्राचीन और नवीन ज्ञान के आलोक में राज्य में शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए प्रभावी कार्य किया जाए।

इससे पहले उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कुलदीप रांका ने प्रदेश में विश्वविद्यालय शिक्षा की स्थिति और नेक रैंकिंग के बारे में विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने नेक एक्रीडेशन प्राप्त पांच विश्वविद्यालयों और बाकी के विश्वविद्यालयों द्वारा इस सम्बन्ध के किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संदीप वर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में नियमित नियुक्तियां और अच्छी योग्यता के शिक्षकों को उपलब्ध कराने के साथ विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया जाए। शिक्षण संस्थान गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे तभी उनकी साख बनेगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार ने बताया कि राज्य के बाड़मेर और जोधपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी में दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने विश्वविद्यालयों से संबंधित कार्यों और राजभवन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी दी। इससे पहले राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, किशनगढ़ के कुलपति श्री आनंद भालेराव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया। राज्यपाल ने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण पोस्टर और विश्वविद्यालय कार्यपद्धति पुस्तक का लोकार्पण किया।

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