Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 21 Jul, 2025 01:13 PM
राजस्थान सरकार ने बेटियों के जन्म पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया है। यह बढ़ी हुई राशि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से 12 मार्च 2025 को घोषित की गई थी और 1 अगस्त 2024 से पूरे राजस्थान में लागू हो चुकी है।
राजस्थान सरकार ने बेटियों के जन्म पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया है। यह बढ़ी हुई राशि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से 12 मार्च 2025 को घोषित की गई थी और 1 अगस्त 2024 से पूरे राजस्थान में लागू हो चुकी है। यह सहायता ‘लाड़ो प्रोत्साहन योजना’ के तहत दी जा रही है। पहले इस योजना में कुल सहायता राशि 1 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया है। राशि 7 किश्तों में सीधे बैंक खाते में भेजी जा रही है।
कब-कब मिलती है सहायता राशि?
अवसर सहायता राशि
बेटी के जन्म पर ₹2,500
एक साल की उम्र पूरी करने और टीकाकरण के बाद ₹2,500
पहली कक्षा में प्रवेश पर ₹4,000
छठी कक्षा में प्रवेश पर ₹5,000
दसवीं कक्षा पास करने पर ₹11,000
बारहवीं कक्षा पास करने पर ₹25,000
स्नातक पूरा करने और 21 वर्ष की उम्र होने पर ₹1,00,000
अब तक कितनी बेटियों को मिला लाभ?
अप्रैल से जून 2025 के बीच 66,447 बेटियों को योजना की पहली किश्त (₹2,500) मिल चुकी है।
उदयपुर में सबसे अधिक 3,827 बेटियों को लाभ मिला।
जयपुर दूसरे नंबर पर रहा, जहां 3,604 बेटियों को पहली किश्त मिली।
योजना का उद्देश्य
बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देना
उनके स्वास्थ्य और सामाजिक स्तर को बेहतर बनाना
समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना
बाल विवाह और लिंग भेद को रोकना
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
बेटी राजस्थान की निवासी हो
जन्म 1 जून 2016 के बाद हुआ हो
जन्म JSY पंजीकृत सरकारी या निजी अस्पताल में हुआ हो
परिवार में अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ मिलेगा
माता-पिता के पास आधार कार्ड और भामाशाह कार्ड होना जरूरी है
आवेदन की प्रक्रिया
आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की जानकारी अस्पताल को देती हैं
यह जानकारी RCH रजिस्टर और PCTS पोर्टल पर दर्ज होती है
जिन परिवारों के पास भामाशाह कार्ड नहीं है, वे ई-मित्र केंद्र से बनवा सकते हैं
दस्तावेज जांच के बाद पात्र परिवार को किश्तों में सहायता राशि मिलती है
इस योजना से राजस्थान में बेटियों की शिक्षा और सामाजिक स्थिति को सुधारने की एक मजबूत पहल की गई है। यह ना केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि समाज की सोच बदलने की दिशा में एक सार्थक प्रयास भी है।