Edited By Sourabh Dubey, Updated: 16 Jul, 2025 07:58 PM

डिजिटल लेनदेन के दौर में यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल बेहद आम हो चुका है, लेकिन एक छोटी सी चूक किसी आम आदमी को बड़ी परेशानी में डाल सकती है। कई बार जल्दबाजी या असावधानी से पैसे किसी गलत खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं।
जयपुर। डिजिटल लेनदेन के दौर में यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल बेहद आम हो चुका है, लेकिन एक छोटी सी चूक किसी आम आदमी को बड़ी परेशानी में डाल सकती है। कई बार जल्दबाजी या असावधानी से पैसे किसी गलत खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं। लेकिन अब ऐसे मामलों में राहत की खबर है। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिससे आप अपनी मेहनत की कमाई वापस पा सकते हैं।
गलत UPI ट्रांजैक्शन हो जाए तो घबराएं नहीं, करें ये 3 जरूरी काम
राजस्थान साइबर क्राइम के एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि अगर कोई गलती से गलत खाते में पैसा ट्रांसफर कर देता है, तो उसे तुरंत इन तीन कदमों पर अमल करना चाहिए:
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तत्काल हेल्पलाइन पर कॉल करें –
टोल फ्री नंबर 1800-120-1740 पर कॉल करके घटना की जानकारी दें। यह हेल्पलाइन विशेष रूप से गलत ट्रांजैक्शन मामलों के लिए है।
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बैंक को सूचित करें –
जिस बैंक के जरिए पेमेंट किया गया है, वहां जाकर गलत भुगतान की सूचना दें और एक लिखित फॉर्म भरें, जिसमें ट्रांजैक्शन का विवरण दिया जाए।
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पेमेंट मैसेज को सुरक्षित रखें –
ट्रांजैक्शन के मैसेज या स्क्रीनशॉट को डिलीट न करें। इसे प्रूफ के तौर पर बैंक में प्रस्तुत करें।
एसपी सिंह के मुताबिक, RBI के निर्देशों के अनुसार यदि तीन दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करा दी जाए, तो ऐसे मामलों में राशि वापसी की प्रक्रिया संभव होती है।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पुलिस की चेतावनी
साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने कुछ जरूरी सावधानियों को भी साझा किया है:
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गोपनीय जानकारी साझा न करें – बैंक खाता नंबर, पासवर्ड, OTP, पिन, आदि किसी को न बताएं।
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फिशिंग कॉल और फर्जी लिंक से सावधान रहें – अज्ञात नंबर या ईमेल से आए लिंक पर क्लिक न करें।
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संदेह होने पर तत्काल पुलिस की मदद लें – नजदीकी थाने या साइबर हेल्पडेस्क से संपर्क करें।
राज्य स्तर पर आप साइबर क्राइम रिपोर्टिंग हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर सकते हैं या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
एसपी का संदेश: "सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है"
एसपी शांतनु कुमार सिंह ने कहा, “डिजिटल भुगतान सुविधाजनक जरूर हैं, लेकिन इसमें सतर्कता बेहद जरूरी है। अगर सही समय पर सही कार्रवाई की जाए, तो गलत ट्रांजैक्शन से हुई राशि की रिकवरी भी संभव है।”
राजस्थान पुलिस की यह एडवाइजरी उन हजारों लोगों के लिए राहत लेकर आई है, जो कभी न कभी डिजिटल पेमेंट की गलती का शिकार हुए हैं। अब जरूरत है जागरूक बनने की, ताकि कोई भी आपकी मेहनत की कमाई को धोखे से न हड़प सके।