भारी वर्षा की चेतावनी के मद्देनज़र बांसवाड़ा और डूंगरपुर

Edited By Shruti Jha, Updated: 28 Jul, 2025 12:10 PM

banswara and dungarpur in view of heavy rain warning

राजस्थान के जनजातीय बहुल दो ज़िले — बांसवाड़ा और डूंगरपुर — इन दिनों मूसलधार बारिश की संभावनाओं से जूझ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इन दोनों जिलों के लिए 28 और 29 जुलाई को अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते प्रशासन ने...

भारी वर्षा की चेतावनी के मद्देनज़र बांसवाड़ा और डूंगरपुर में स्कूलों में अवकाश घोषित: विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि

बांसवाड़ा/डूंगरपुर, 27 जुलाई (संवाददाता: मृदुल पुरोहित/जुगल कलाल)
राजस्थान के जनजातीय बहुल दो ज़िले — बांसवाड़ा और डूंगरपुर — इन दिनों मूसलधार बारिश की संभावनाओं से जूझ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इन दोनों जिलों के लिए 28 और 29 जुलाई को अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए स्कूलों, मां-बाड़ी और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी की घोषणा की है। खास तौर पर डूंगरपुर जिले के लिए 28 जुलाई को रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जो इस बात का संकेत है कि हालात बेहद संवेदनशील हो सकते हैं।

विद्यार्थियों की सुरक्षा को मिली प्राथमिकता

बांसवाड़ा जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव और डूंगरपुर कलेक्टर श्री अंकित कुमार सिंह द्वारा जारी आधिकारिक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 28 और 29 जुलाई को सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अवकाश रहेगा। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और समग्र भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

इस आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि हालांकि छात्रों को छुट्टी दी गई है, लेकिन सभी शिक्षकगण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और अन्य शैक्षणिक कार्मिकों को अपने निर्धारित समय पर विद्यालयों और केंद्रों में उपस्थित रहकर प्रशासनिक कार्यों का संचालन करना होगा।

संस्थानों को मिली सख्त चेतावनी

प्रशासन ने यह भी सख्ती से निर्देश दिया है कि यदि कोई भी शैक्षणिक संस्थान प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना करते हुए इन तिथियों में संचालन करता पाया गया, तो संबंधित संस्था प्रमुख अथवा प्रबंधन के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

यह निर्देश केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हाल ही में झालावाड़ ज़िले के एक विद्यालय में छत गिरने की दर्दनाक घटना से उपजे भय और सच्चाई पर आधारित है। डूंगरपुर जिले में भी कई विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में हैं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जोखिम और बढ़ जाता है। प्रशासन इस संवेदनशील स्थिति को लेकर पूरी तरह सतर्क है और कोई भी कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

जनता से की गई सावधानी बरतने की अपील

प्रशासन ने न केवल शिक्षा क्षेत्र को लेकर अलर्ट जारी किया है, बल्कि आमजन को भी भारी वर्षा के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेष रूप से निचले इलाकों, पुल-पुलियों, जलभराव वाले स्थानों से दूर रहने, पेड़ों के नीचे खड़े न होने तथा आकाशीय बिजली के दौरान खुले में न निकलने जैसे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में अगले दो दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे आवागमन बाधित हो सकता है और जन-धन की हानि की आशंका भी बनी रहती है।

निष्कर्ष

प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रशासनिक सतर्कता और जनता की जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार होती है। बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से एक सकारात्मक और जिम्मेदार प्रशासन का परिचायक हैं। विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उठाया गया यह निर्णय न केवल स्वागतयोग्य है, बल्कि अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।


यदि आप बांसवाड़ा या डूंगरपुर में रहते हैं, तो प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें और जरूरतमंदों तक सही सूचना पहुंचाएं।

 

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