पारंपरिक बस संचालन को हीरापुरा में स्थानांतरित करने के विरोध में बस ऑपरेटरों की चेतावनी

Edited By Shruti Jha, Updated: 26 Jul, 2025 05:03 PM

bus operators warning

हाल ही के ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक के निर्णय के अनुसार, 1 अगस्त 2025 से लगभग 500 स्लीपर कोच, स्टेज कैरिज और आरएसआरटीसी बसों का संचालन हीरापुरा बस टर्मिनल (कमला नेहरू नगर) से किया जाना निर्धारित किया गया है। इस निर्णय के प्रति आल राजस्थान...

पारंपरिक बस संचालन को हीरापुरा में स्थानांतरित करने के विरोध में बस ऑपरेटरों की चेतावनी

जयपुर, 26 जुलाई 2025 — हाल ही के ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक के निर्णय के अनुसार, 1 अगस्त 2025 से लगभग 500 स्लीपर कोच, स्टेज कैरिज और आरएसआरटीसी बसों का संचालन हीरापुरा बस टर्मिनल (कमला नेहरू नगर) से किया जाना निर्धारित किया गया है।

इस निर्णय के प्रति आल राजस्थान कांट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन, जयपुर ने तीव्र विरोध व्यक्त किया है, इसे एकतरफा और आमजन के हितों के खिलाफ बताया है। संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि जब तक पूर्ण मेट्रो कनेक्टिविटी, यात्री सुविधाएँ और संपूर्ण परिवहन व्यवस्था सुलभ नहीं होती, तब तक यह निर्णय स्थगित रखा जाए।

संघ की मुख्य चिंताएँ:

  1. यातायात दबाव‍ में वृद्धि
    अनुमान है कि 500 बसों के यात्रियों के लिए दैनिक आधार पर लगभग 10,000 कैब-ऑटो की आवश्यकता होगी, जिससे अजमेर रोड पर भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है।

  2. लोक परिवहन सुविधा का अभाव
    हीरापुरा टर्मिनल तक मेट्रो उपलब्ध नहीं है और टेम्पो/मैजिक केवल शाम 7 बजे तक चलते हैं। रात्रिकालीन यात्रियों के लिए कोई सुलभ व सुरक्षित पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है।

  3. सुरक्षा जोखिम
    हीरापुरा क्षेत्र अपेक्षाकृत सुनसान है, जहां विशेष तौर से महिला यात्रियों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों की रात में सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल है।

  4. आर्थिक बोझ
    यात्री को हीरापुरा पहुँचने के लिए अतिरिक्त 300–400 रुपये खर्च करने होंगे, जिससे आम जनता पर वित्तीय भार बढ़ेगा।

  5. पार्किंग एवं स्टाफ सुविधा का अभाव
    500 बसों के लिए पार्किंग, उद्देश्य‑हित स्टाफ सुविधा, भोजन और विश्राम की व्यवस्था नहीं है।

  6. सड़क बनावट समस्याएँ
    टर्मिनल तक पहुंच केवल स्लीप लेन के माध्यम से संभव होगी, जिससे वैशाली नगर अंडरपास पर यातायात जाम की सम्भावना है।

  7. यात्री सुविधाओं की कमी
    इस टर्मिनल में प्रतिदिन रुकने वाले लगभग 8–10 हजार यात्रियों के लिए शेड, पेयजल, टॉयलेट और प्रतीक्षालय जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं।

समाधान के प्रस्ताव:

ऑपरेटर्स ने यह आग्रह किया है कि या तो हीरापुरा टर्मिनल की समुचित सुशोभित देख-रेख निजी बस यूनियन को सौंप दी जाए, जैसे अन्य संस्थान मेट्रो या बस स्टैंडों का संचालन करते हैं, या फिर वर्तमान स्थिति बनाए रखते हुए संचालन स्थल पर जारी रखा जाए

संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक टर्मिनल तक मेट्रो व पब्लिक ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाओं का विकास नहीं होता, तब तक बसों के स्थानांतरण निर्णय को लागू नहीं किया जाना चाहिए।

चेतावनी व संभावित असर:

ऑपरेटर्स ने कहा है कि सरकार की मांगों को अनदेखा करने की स्थिति में अगस्त से पूरे राजस्थान में स्लीपर बसों का ‘चक्का जाम’ किया जाएगा। प्रतिदिन लगभग 1 लाख यात्री जयपुर से स्लीपर बसों का उपयोग करते हैं—ऐसा बंद होने पर उनका आवागमन प्रभावित होगा, जिसका संपूर्ण जिम्मेदारी परिवहन विभाग और राज्य शासन की होगी।

इसके अलावा, होटल व्यवसाय, ऑटो चालक, डीजल पंप, टोल टैक्स और छोटे व्यापारियों को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान सहना पड़ सकता है। ऑपरेटरों ने यह दोहराया कि उनका उद्देश्य शासन-प्रशासन की आलोचना नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार और सामान्य जनता के हितों का ध्यान रखना है।

अंत में, उनका संदेश स्पष्ट है—"हम किसी से भीख नहीं मांगते, हम अपना हक मांग रहे हैं और यह हक हमें हमारे लोकतंत्र ने दिया है"। सरकार से अपेक्षित अपेक्षा है कि वह संवेदनशीलता और दूरदर्शिता को अपनाते हुए जन‑हित में निर्णय ले। अन्यथा संभावित जनआक्रोश और व्यवस्था-अवस्था की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन पर होगी।


 संदर्भ और स्थिति:

  • हीरापुरा बस टर्मिनल लंबे समय से ट्रांसपोर्ट योजना में शामिल होने के बाद भी देरी से ही चालू हुआ; यह जयपुर का पहला नया बस टर्मिनल माना जा रहा है ।

  • 1 अगस्त से बस संचालन प्रारंभ करने को लेकर ऑपरेटरों ने यात्री सुविधाओं, स्टाफिंग और लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं में परिवर्तन की मांग की है ।

  • वहीं, स्थानान्तरण के विरोध में निजी बस ऑपरेटर्स ने चक्का जाम की चेतावनी भी जारी की है ।


यह लेख सरकार, परिवहन विभाग तथा जनता के समक्ष दोनों दृष्टिकोणों को प्रस्तुत करता है, जिससे विषय की जटिलता और प्रतिबंध‑समय की आवश्यकता स्पष्ट होती है।

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