Edited By Raunak Pareek, Updated: 26 Oct, 2025 09:03 PM

राजस्थान रॉयल्स ने अपने प्रिय सलाहकार और भारत के महान विज्ञापन गुरु पीयूष पांडे को भावनात्मक श्रद्धांजलि दी। ‘हल्ला बोल’ के जनक रहे पीयूष ने न केवल टीम को पहचान दी, बल्कि भारतीय विज्ञापन जगत को भी नई दिशा दी। उनकी रचनात्मकता और विनम्रता आज भी...
राजस्थान रॉयल्स ने भारत के दिग्गज विज्ञापन विशेषज्ञ और टीम के लंबे समय तक समर्थक रहे पीयूष पांडे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पीयूष पांडे सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी आवाज़ थे जिसने भारत को अपनी भावनाएं बोलने का आत्मविश्वास दिया।
रॉयल्स के अध्यक्ष रंजीत बरठाकुर ने याद किया कि 1970 के दशक में कोलकाता में पीयूष पांडे से मुलाकात उनके जीवन का अहम मोड़ थी। क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम, सादगी और रचनात्मक सोच उन्हें हर किसी से अलग बनाती थी।
पीयूष पांडे ने 2008 में राजस्थान रॉयल्स के प्रतिष्ठित नारे ‘हल्ला बोल’ को जन्म दिया। जिसने टीम को केवल एक पहचान नहीं दी, बल्कि हर राजस्थानी के दिल में जगह बनाई। उनकी लिखी पंक्तियाँ “ढोल बजाके मूंछ घुमाके, पगड़ी बांध के शोर मचाके” आज भी स्टेडियमों में गूंजती हैं।
उनकी रचनात्मक सोच विज्ञापन की सीमाओं से आगे बढ़कर समाज के लिए प्रेरणा बन गई। उन्होंने ‘औरत है तो भारत है’ जैसे अभियानों के जरिए बदलाव की दिशा दिखाई। राजस्थान रॉयल्स के लिए, पीयूष सिर्फ एक क्रिएटिव सलाहकार नहीं बल्कि एक विचारधारा थे। जो आज भी “हल्ला बोल” की हर गूंज में जीवित हैं।