Edited By Afjal Khan, Updated: 21 Sep, 2023 09:27 AM
झुंझुनू जिले के केसरीपुरा निवासी मनोहरी देवी सरकारी सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गई हैं। दरअसल सरकारी कर्मचारी और पंचायत समिति की कथित मिलीभगत के चलते केसरदेवी को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें 2019 से विधवा पेंशन मिल रही थी, लेकिन जनवरी...
झुंझुनू। जिले के केसरीपुरा निवासी मनोहरी देवी सरकारी सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गई हैं। दरअसल सरकारी कर्मचारी और पंचायत समिति की कथित मिलीभगत के चलते केसरदेवी को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें 2019 से विधवा पेंशन मिल रही थी, लेकिन जनवरी 2023 से उनके खाते में किसी प्रकार की राशि नहीं आ रही है। मनोहरी देवी का कहना हैं कि वे इसकी शिकायत पंचायत से लेकर कलेक्टर तक कर चुकी हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही।
जिंदा महिला को सरकारी सिस्टम ने कागजों में किया दफन!
मनोहरी देवी इन दिनों खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के लगातार चक्कर काट रही हैं। मनोहरी देवी को सरकारी सिस्टम ने अपने कागजों में मृत घोषित कर दिया है। मृत घोषित करने के बाद उसे मिलने वाली विधवा पेंशन को भी बंद कर दिया गया हैं। महिला ने जब समय पर पेंशन ना मिलने की वजह जाननी चाही तो सरकारी दफ्तरों से जबाव मिला कि वह तो कागजों में मर चुकी है।
ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक लगाई गुहार
सीथल ग्राम पंचायत के केसरीपुरा निवासी मनोहरी देवी ने बताया कि पेंशन बंद होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। अभी खेती और पशुओं का दूध बेचकर वह अपनी आजीविका चला रही हैं। उन्होंने बताया कि पेंशन बंद होने के बाद इसे दोबारा शुरू करवाने को लेकर पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन बीते 8 महीने में उसकी पेंशन शुरू नहीं हो सकी। उनका कहना है कि प्रशासन को इस मामले संज्ञान लेना चाहिए ताकि उनकी बंद पेंशन शुरू हो सके। साथ ही उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की हैं।