Edited By Chandra Prakash, Updated: 02 Feb, 2025 03:52 PM
1983 के वर्ल्ड कप जीत के नायक मोहिंदर अमरनाथ, जिनकी बल्लेबाज़ी ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा, आज भी लाखों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करते हैं। पंजाब केसरी राजस्थान के साथ खास बातचीत में मोहिंदर अमरनाथ ने न सिर्फ अपने...
जयपुर, 2 फरवरी 2025 । 1983 के वर्ल्ड कप जीत के नायक मोहिंदर अमरनाथ, जिनकी बल्लेबाज़ी ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा, आज भी लाखों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करते हैं। पंजाब केसरी राजस्थान के साथ खास बातचीत में मोहिंदर अमरनाथ ने न सिर्फ अपने क्रिकेट करियर के अनुभव साझा किए, बल्कि अपने छोटे भाई राजेंद्र अमरनाथ द्वारा लिखी गई किताब 'Fearless' के पीछे की दिलचस्प कहानियों से भी पर्दा उठाया। उन्होंने जयपुर के प्रति अपने प्रेम, आज के क्रिकेट पर विचार और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक संदेश भी दिए।
इंटरव्यू: मोहिंदर अमरनाथ के साथ एक विशेष बातचीत
प्रश्न 1: 1983 वर्ल्ड कप के बारे में जब भी बात होती है, आपका नाम सबसे पहले याद किया जाता है। उस ऐतिहासिक जीत के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आए ?
मोहिंदर अमरनाथ : 1983 वर्ल्ड कप हमारे लिए एक सपने जैसा था। देशभर से जो प्यार और सम्मान मिला, वो अविश्वसनीय था। अगर मैं क्रिकेटर न भी होता, तो शायद इतना स्नेह कभी न मिलता। आज भी जब लोग मुझे पहचानते हैं और सम्मान देते हैं, तो वो मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।
प्रश्न 2: आप जयपुर आए हैं, गुलाबी नगरी के बारे में आपके क्या विचार हैं ?
मोहिंदर अमरनाथ : जयपुर आकर हमेशा दिल खुश हो जाता है। यहां के लोग बेहद गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। शहर का माहौल बहुत पॉजिटिव है, और जितना प्यार यहां के लोगों से मिलता है, वो कहीं और नहीं दिखता।
प्रश्न 3: आपके छोटे भाई राजेंद्र अमरनाथ ने आपके ऊपर किताब 'Fearless' लिखी है। इस किताब के नाम का चुनाव कैसे हुआ ?
मोहिंदर अमरनाथ : Fearless नाम पर चर्चा के दौरान राजेंद्र और मैंने दोनों ने सुझाव दिए। मेरे खेल के दौरान मैं कभी डरकर नहीं खेला, हमेशा आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरा। यही सोचकर हमने इस किताब का नाम Fearless रखा, क्योंकि यह मेरी पर्सनालिटी को पूरी तरह दर्शाता है।
प्रश्न 4: राजेंद्र जी, जब आपने Fearless लिखी, तो कौन-कौन से किस्से आपको सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाले लगे ?
राजेंद्र अमरनाथ : सबसे बड़ी चुनौती थी यह तय करना कि कौन से किस्से शामिल किए जाएं। मोहिंदर का करियर तो सब जानते हैं, लेकिन उनकी ज़िंदगी के निजी पहलुओं को सामने लाना जरूरी था। बचपन के कई किस्से थे, जैसे मोहिंदर का गुस्सैल स्वभाव या उनके डर से जुड़े मज़ेदार किस्से, जिन्हें शामिल करना दिलचस्प रहा।
प्रश्न 5: कहते हैं जब आप बल्लेबाज़ी करते थे, तो गेंदबाज़ भी बिना हेलमेट के खेलते थे। मैदान पर आपके एग्रेसिव खेलने के पीछे क्या सोच थी ?
मोहिंदर अमरनाथ : क्रिकेट में जब आप आक्रामक खेलते हैं, तो सामने वाले पर दबाव बनता है। मैं जानता था कि चोट लग सकती है, लेकिन डरकर खेलने का कोई फायदा नहीं। जब आप मैदान पर उतरते हैं, तो फैसले खुद लेने होते हैं। वही आत्मविश्वास मुझे आगे ले गया।
प्रश्न 6: आपके पिता, लाला अमरनाथ, खुद एक महान क्रिकेटर थे। उनके क्या गुर आपके करियर में सबसे ज्यादा काम आए ?
मोहिंदर अमरनाथ : पिता जी हमेशा सिखाते थे कि मुश्किल हालात में कैसे धैर्य रखना है। उन्होंने मुझे सिखाया कि मैदान में आप अकेले होते हैं, और फैसले आपको खुद लेने होते हैं। उनका मार्गदर्शन मेरे करियर की नींव था।
प्रश्न 7: आज के युवा क्रिकेटर्स के बारे में आपकी क्या राय है? कौन सा खिलाड़ी आपको प्रभावित करता है ?
मोहिंदर अमरनाथ : आज के खिलाड़ियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भारत का नाम ऊंचा कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि छोटे-छोटे फॉर्मेट में खेलने से खिलाड़ियों का टेम्परामेंट और तकनीक प्रभावित होती है। लंबा खेलना सीखना ज़रूरी है।
प्रश्न 8: क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद आपकी ज़िंदगी कैसी चल रही है ?
मोहिंदर अमरनाथ : क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद मैं म्यूजिक सुनता हूं, घर के काम करता हूं और समय-समय पर गोवा में वक्त बिताता हूं। अब मैं खेल कम देखता हूं, लेकिन दिल में क्रिकेट का जुनून आज भी कायम है।
प्रश्न 9: क्या Fearless के बाद हम आपकी ज़िंदगी पर आधारित कोई और किताब की उम्मीद कर सकते हैं ?
मोहिंदर अमरनाथ : Fearless मेरे खेलने के दौर की कहानी है। लेकिन मेरी ज़िंदगी में और भी कई अनुभव हैं, जो मैंने रिटायरमेंट के बाद देखे और सीखे। हो सकता है कि भविष्य में Fearless 2 के रूप में वो किस्से भी सामने आएं।
प्रश्न 10: आखिर में, युवा खिलाड़ियों और आपके फैंस के लिए आपका क्या संदेश है ?
मोहिंदर अमरनाथ : अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो मेहनत और आत्मविश्वास ज़रूरी है। कभी हार न मानें और हमेशा अपने दिल की सुनें। खेल हो या ज़िंदगी, Fearless रहना ही सफलता की कुंजी है।