राजस्थान बनेगा ओलंपिक मिशन का स्तंभ: खेल मंत्री का बड़ा बयान

Edited By Sourabh Dubey, Updated: 21 Aug, 2025 08:59 PM

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संसद से पास हुआ स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और राजस्थान में करीब 20 साल बाद होने वाला स्पोर्ट्स एक्ट में बड़ा बदलाव, देश की खेल संस्कृति को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। खिलाड़ियों के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और समान अवसर सुनिश्चित करने...

नई दिल्ली/जयपुर। संसद से पास हुआ स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और राजस्थान में करीब 20 साल बाद होने वाला स्पोर्ट्स एक्ट में बड़ा बदलाव, देश की खेल संस्कृति को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। खिलाड़ियों के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और समान अवसर सुनिश्चित करने वाले इन दोनों बदलावों को लेकर राजस्थान के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पंजाब केसरी डिजिटल टीम से खास बातचीत में कहा कि यह सिर्फ कानून नहीं, बल्कि "खेलों का नया संविधान" है। इस खास इंटरव्यू में पंजाब केसरी डिजिटल टीम के संपादक विशाल सूर्यकांत शर्मा और संवाददाता हरिनाम सिंह, सौरभ दुबे से बातचीत करते हुए खेल मंत्री ने साफ कहा कि – “अब खिलाड़ी होंगे व्यवस्था के केंद्र में, चाहे ई-स्पोर्ट्स हों, एडवेंचर गेम्स या ग्रामीण खेल – सभी को पहचान और मौका मिलेगा।”

मंत्री ने 2036 ओलंपिक को लेकर राजस्थान की तैयारियों, नए एक्ट से खिलाड़ियों को सीधे मिलने वाले लाभ और केंद्र-राज्य के साझा प्रयासों पर भी विस्तार से चर्चा की। पढ़िए इस साक्षात्कार के प्रमुख अंश :

प्रश्न 1. संसद से पास हुए स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, एक तरीके से अपने आप में ऐतिहासिक है.. किस तरह से देख रहे हैं आप ?

जवाब : यह बिल सिर्फ़ क़ानून नहीं है, बल्कि देश की खेल संस्कृति को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम है। पहली बार खेलों को लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का ठोस प्रयास हुआ है। खिलाड़ियों को केंद्र में रखकर जो प्रावधान किए गए हैं, वह दिखाता है कि अब ‘स्पोर्ट्स फॉर प्लेयर्स’ का दौर शुरू हो रहा है।

प्रश्न 2. इस बिल में राष्ट्रीय खेल बोर्ड और स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल बनाने की बात है। किस तरह से खिलाड़ियों के लिए बड़ा बदलाव होगा ये?

जवाब :  ‘स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल’ खिलाड़ियों को न्याय देगा और ‘नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड’ नीतियों को लागू करेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यही होगा कि खिलाड़ी मेरिट और ईमानदारी के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

प्रश्न 3 . क्या इस बिल से “केंद्रीकरण” बढ़ेगा और राज्यों की भूमिका कम होगी... इस तरह की आलोचना विपक्ष द्वारा की जा रही है

जवाब: आजकल विपक्ष का काम हो गया है अफवाह फैलाना और आलोचना करना। सच यह है कि खेलों का विकास तभी होगा जब केंद्र और राज्य मिलकर काम करें। यह बिल किसी की भूमिका कम नहीं करता, बल्कि सभी को cooperative-federal structure को बढ़ावा दे रहा है जो democracy के लिए बहुत अच्छी पहल है। अगर खिलाड़ी राजस्थान से हो या देश के किसी भी प्रदेश से उसे ओलंपिक में भारत के लिए खेलना है। इसलिए केंद्र और राज्य की नीतियों में समन्वय बेहद जरूरी है, और यही इस बिल की आत्मा है।

प्रश्न 4. जहां एक ओर केंद्र में National Sports Governance Bill आया है, वहीं करीब 20 साल बाद राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। क्या इसे केंद्र और राज्य की खेल नीतियों को जोड़ने की कोशिश की तरह देखा जाए?

जवाब : बिल्कुल। राजस्थान हमेशा से खेल प्रतिभाओं की धरती रही है। राज्य सरकार का नया एक्ट और केंद्र का बिल, दोनों मिलकर एक कॉम्प्रिहेंसिव फ्रेमवर्क तैयार करेंगे। इससे खिलाड़ियों को ग्राउंड लेवल से लेकर इंटरनेशनल प्लेटफ़ॉर्म तक एक सतत और पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी। इसे ‘टीम इंडिया’ और ‘टीम राजस्थान’ के बीच साझेदारी कह सकते हैं।

प्रश्न 5 . बताया जा रहा है कि, नया एक्ट उन खेलों को मान्यता देगा जिन्हें अब तक कोई जगह नहीं मिली थी। क्या इससे ई-स्पोर्ट्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स या ग्रामीण पारंपरिक खेलों को भी मौका मिलेगा?

जवाब : बिल्कुल मिलेगा। समय के साथ खेलों का दायरा बढ़ा है। आज ई-स्पोर्ट्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुके हैं, एडवेंचर स्पोर्ट्स युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं और ग्रामीण खेल हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। नए एक्ट से इन्हें पहचान और समर्थन मिलेगा। यह बदलाव युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देगा।

प्रश्न 6. खिलाड़ियों की हमेशा शिकायत रही है कि उन्हें सरकारी स्कीमों और संसाधनों का लाभ नहीं मिलता। क्या इस एक्ट के बाद यह शिकायत दूर होगी?

जवाब: यही तो इस एक्ट का मूल उद्देश्य है। खिलाड़ियों को सुविधाओं तक पहुचने के लिए किसी पर निर्भर रहना पड़ता था। अब व्यवस्था में पारदर्शिता और ऑनलाइन मॉनिटरिंग के प्रावधान होंगे। साथ ही खेल संघों को भी अनुशासित किया जाएगा, ताकि  खिलाड़ी सीधे स्कीमों का लाभ ले सकेंगे।

प्रश्न 7. देश का लक्ष्य 2036 ओलंपिक है। क्या आप मानते हैं कि राजस्थान का यह नया एक्ट उस तैयारी में राज्य का योगदान सुनिश्चित करेगा?

जवाब: बिल्कुल। भारत का सपना है कि 2036 में हम ओलंपिक की मेजबानी भी करें और मेडल टेबल पर भी शीर्ष देशों में शामिल हों। इसके लिए हर राज्य की भूमिका अहम है। राजस्थान में हमारी सरकार उभरती प्रतिभा को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है, हम 2036 के साथ आगे को भी फोकस करते हुए काम कर रहे है। नया एक्ट यही सुनिश्चित करेगा कि यहां की प्रतिभा बेहतर ट्रेनिंग, संसाधन और नीतिगत सहयोग के साथ तैयार हो। यह एक्ट राजस्थान को भारत के ओलंपिक मिशन का मजबूत स्तंभ बनाएगा।

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