Edited By Chandra Prakash, Updated: 24 Nov, 2024 01:24 PM
प्रदेश की सात विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना कब्जा जमा लिया है, जबकि एक सीट कांग्रेस और एक सीट बाप पार्टी के खाते में चली गई । अबकी बार इन उपचुनावों में कई दिग्गज नेताओं की साख पर गहरा असर पड़ा है । इन्ही सात सीटों...
जयपुर, 24 नवंबर 2024 । प्रदेश की सात विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना कब्जा जमा लिया है, जबकि एक सीट कांग्रेस और एक सीट बाप पार्टी के खाते में चली गई । अबकी बार इन उपचुनावों में कई दिग्गज नेताओं की साख पर गहरा असर पड़ा है । इन्ही सात सीटों में से एक सीट ऐसी है जहां पिछले 16 सालों से एक दिग्गज नेता की पार्टी ने कब्जा जमा रखा है । अब हम कौनसी सीट और किस नेता की साख के बारे में चर्चा करने वाले हैं, ये तो खबर में पता चल ही जाएगा ।
तो चलिए आज हम बात करने वाले है उस सीट की जहां अपने चेले से ही चोट खा बैठे एक ऐसे दिग्गज नेता, जिनका राजस्थान की राजनीति में बड़ा नाम है, जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं हनुमान बेनीवाल की....
दरअसल, खींवसर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में भाजपा के रेवंतराम डांगा की जीत के बाद हनुमान बेनीवाल के साथ-साथ पूरी आरएलपी पार्टी सकते में नजर आई, क्योंकि हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से अपनी पार्टी की जीत को लेकर पहले से ही आश्वस्त थे, बता दें कि हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी से गठबंधन नहीं करते हुए अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को ही चुनावी मैदान में उतार दिया था । उन्होंने पहले भी अपने भाई को आरएलपी के टिकट पर चुनाव लड़वाया था और खींवसर सीट से जीत दिलवाई थी, लेकिन इस बार हुए विधानसभा उपचुनावों ने हनुमान बेनीवाल को झकझोर कर रख दिया । अबकी बार हनुमान बेनीवाल की पार्टी को बेनीवाल का गढ़ कही जाने वाली खींवसर सीट से हार का सामना करना पड़ा, बेनीवाल अब अपनी हार पचा नहीं पा रहे हैं ।
ऐसे में उनका बड़ा बयान भी सामने आया है, उन्होंने भजनलाल कैबिनेट में मंत्री के मूंछ वाले बयान को अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल की हार का कारण बताया है, उन्होंने कहा कि बीजेपी मंत्री के मूंछ वाले बयान के कारण मेरी पत्नी कनिका बेनीवाल की हार हुई है । मिर्धा परिवार जगह-जगह जाकर रोते फिरा, यहां तक कि जिसने मेरी पीठ में छुरा घोंपा, बीजेपी ने उसी को ही अपना दूल्हा बना लिया ।
दरअसल, छुरा घोंपने वाली बात से हनुमान बेनीवाल का निशाना भाजपा के रेवंत राम डांगा पर था, जो पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी आरएलपी में थे । आरएलपी में रहते हुए रेवंतराम डांगा बेनीवाल के विश्वसनीय नेताओं में आते थे । हनुमान बेनीवाल के साथ उन्होंने कई काम किए हैं । हालांकि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले रेवंतराम डांगा ने बागी होकर भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके बाद खींवसर सीट से भाजपा ने विधानसभा चुनावों में हनुमान बेनीवाल के सामने रेवंतराम डांगा को उतार दिया था । लेकिन उस समय उन्हें बेनीवाल के सामने हार का सामना करना पड़ा था । हालांकि 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में बेनीवाल चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गए और खींवसर सीट एक बार फिर खाली हो गई । हालांकि डांगा को हारने के बाद भी भाजपा ने फिर से उपचुनावों में टिकट दे दिया, क्योंकि भाजपा के पास इन उपचुनावों के लिए डांगा से बेहतर कोई विकल्प नहीं था । ऐसे में प्रदेश भाजपा ने बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के सामने रेवंतराम डांगा को उतारने का फैसला कर लिया, जो आज सही साबित भी हुआ । हालांकि खींवसर सीट से उपचुनावों में आए चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी का प्लान पूरी तरह से कामयाब रहा । हालांकि इस बार जीत के लिए आश्वस्त हनुमान बेनीवाल को इन उपचुनावों में ओंधे मुंह हार का सामना करना पड़ा । ऐसे में हनुमान बेनीवाल की बौखलाहट साफ तौर पर देखी जा सकती है ।
वहीं इन उपचुनाव में प्रचार के दौरान ज्योति मिर्धा और दिव्या मदेरणा ने जमकर हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधा था । उस वक्त बात इतनी बढ़ गई थी कि हनुमान बेनीवाल ने दिव्या को कुएं में डुबकर मरने की सलाह दे डाली थी, जिसके बाद दिव्या ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट के लिए बेनीवाल को करारा जवाब दिया था । उस वक्त ज्योति मिर्धा ने भी कहा था कि जब-जब किसी भी नेता का किसी पार्टी में उभरने का समय आता है, तो हनुमान बेनीवाल उसको काटने का काम करने लगते हैं । दिव्या मदेरणा भी उसी श्रृंखला में से एक नाम हैं, 'अब चाहे हरीश चौधरी हो, चाहे ज्योति मिर्धा हो और या फिर डोटासरा हो' बेनीवाल हमेशा उनके पीछे पड़े रहते थे । उन्होंने पार्टी विशेष के लिए नहीं, अपने ही समाज के नेताओं को काटने के लिए हमेशा ऊपर-नीचे करते रहे हैं ।
अब देखने वाली बात ये होगी कि अपने चेले से चोट खाए हनुमान बेनीवाल की पार्टी का कोई भी नेता विधानसभा में नहीं बैठ पाएगा । अब बड़ा सवाल- अब बेनीवाल की आरएलपी पार्टी से राजस्थान विधानसभा में कौन उठाएगा अपने क्षेत्र से मुद्दे , ये जानकर बेनीवाल की परेशानी और भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है ।