Edited By PTI News Agency, Updated: 15 Jun, 2021 09:36 PM
जयपुर, 15 जून (भाषा) राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जारी बयानबाजी के बीच मंगलवार को पायलट खेमे के विधायक निशाने पर रहे। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने कहा कि पार्टी आलाकमान को किसी दबाव में आए बिना...
जयपुर, 15 जून (भाषा) राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जारी बयानबाजी के बीच मंगलवार को पायलट खेमे के विधायक निशाने पर रहे। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने कहा कि पार्टी आलाकमान को किसी दबाव में आए बिना उन लोगों को इनाम देना चाहिए जो पिछले साल राजनीतिक संकट में सरकार के साथ खड़े थे, वहीं पायलट खेमे में रहे वरिष्ठ विधायक भंवर लाल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेता हैं और सचिन पायलट सहित सभी विधायकों को उन्हें नेता मानना ही पड़ेगा। शाम को सचिन के करीबी माने जाने वाले विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि पायलट के जनाधार को कोई झुठला नहीं सकता और जनता आज भी उनके साथ है।
बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने मंगलवार को पायलट खेमे पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी आलाकमान को किसी दबाव में न आकर उन लोगों को इनाम देना चाहिए जो संकट के समय सरकार के साथ खड़े रहे।
कई दिन से जयपुर में डेरा डाले इन विधायकों ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन किया। इसमें तिजारा से विधायक संदीप यादव ने पायलट खेमे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने पार्टी के साथ गद्दारी की, जिन लोगों ने सरकार को अस्थिर किया वे लोग हाइकमान पर दबाव बना रहे हैं। उनके हिसाब से यह सरकार गिर गई होती। अगर 10 निर्दलीय और हम छह बसपा से कांग्रेस में आए लोग नहीं होते तो 19 लोगों के जाने के बाद तो सरकार का बहुमत खत्म हो गया था।'
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक 18 विधायकों ने पिछले साल जून- जुलाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व से नाराजगी जताते हुए बगावती रुख अपनाया था। हालांकि पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वे वापस लौट आए थे। पायलट व उनके समर्थक विधायक कई बार पार्टी को सत्ता में लाने वाले कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान देने की मांग कर चुके हैं।
लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा, संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, जोगेन्द्र अवाना ने 2018 में विधानसभा चुनाव बसपा उम्मीदवार के रूप में जीता था। सितम्बर 2019 को बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
वहीं पिछले साल राजनीतिक घटनाक्रम में पायलट के साथ जाने वाले सरदारशहर से वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का रुख मंगलवार को बदला नजर आया। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना करते हुए एक तरह से उनके नेतृत्व में आस्था जताई और कहा कि राज्य में सियासत की 'दूसरी लहर' धीरे -धीरे ठंडी पड़ जाएगी।
शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सचिन पायलट को नेता मानता हूं, अशोक गहलोत उनके ऊपर हैं। मुख्यमंत्री हैं तो उनको नेता मानना ही पड़ेगा। सचिन पायलट को भी उनको नेता मानना पड़ेगा।’’
शर्मा का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सरगर्मी है। राज्य में सियासत की 'दूसरी लहर' से नुकसान के बारे में उन्होंने कहा,' यह दूसरी लहर धीरे- धीरे ठंडी पड़ जाएगी।'
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पायलट खेमे के विधायक इंद्राज गुर्जर व पी आर मीणा भी विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री गहलोत की प्रशंसा कर चुके हैं।
वहीं पायलट खेमे के विधायक भाकर ने बसपा विधायकों व शर्मा के बयान पर शाम को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कौन किसके साथ खड़ा रहेगा..समय बतायेगा।’’ उन्होंने कहा कि हम सब विधायक कांग्रेस में रहकर ही अपनी बात रख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान की जनता का प्यार, राजस्थान में सचिन पायलट का जनाधार को कोई नहीं झुठला सकता। जनता आज भी सचिन पायलट के साथ है।’’ उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसी पद को पाने की नहीं बल्कि राज्य में पार्टी का अस्तित्व बचाए रखने की है।
वहीं पायलट खेमे के एक और मुखर विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल विस्तार हमारी मांग है। जिस तरह से हम मंदिर में जाते हैं पूजा अर्चना करते हैं भगवान कब प्रसन्न होंगे ... हमारे कलियुग के आज के राजस्थान के भगवान अशोक गहलोत ही हैं।'’
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