Edited By Sourabh Dubey, Updated: 26 Jul, 2025 08:45 PM

राजधानी जयपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2008 में शुरू किया गया बीआरटीएस (Bus Rapid Transit System) कॉरिडोर अब इतिहास बन चुका है। करीब 170 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस कॉरिडोर को अब पूरी तरह से हटाया जा रहा है।
जयपुर। राजधानी जयपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2008 में शुरू किया गया बीआरटीएस (Bus Rapid Transit System) कॉरिडोर अब इतिहास बन चुका है। करीब 170 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस कॉरिडोर को अब पूरी तरह से हटाया जा रहा है। सीकर रोड पर इसे पूरी तरह हटा दिया गया है, जबकि अजमेर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर हटाने का कार्य तेजी से जारी है।
16 साल बाद खत्म हुआ फ्लॉप प्रोजेक्ट
BRTS का मकसद था शहर में तेजी से चलने वाली बसों के लिए अलग लेन बनाना, जिससे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले और ट्रैफिक का दबाव कम हो। लेकिन:
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बसें तयशुदा फ्रीक्वेंसी पर नहीं चलीं
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ट्रैफिक जाम की समस्या और ज्यादा बढ़ी
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आम लोगों को सड़क संकरी होने से परेशानी झेलनी पड़ी
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कॉरिडोर बेकार खड़ा रहा और टैक्सपेयर्स का पैसा व्यर्थ हुआ
अब क्या होगा?
जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की रिपोर्ट और जनता की शिकायतों के आधार पर राज्य सरकार ने 30 करोड़ रुपये का बजट सिर्फ कॉरिडोर हटाने के लिए जारी किया है।
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सड़कें अब फिर से चौड़ी की जाएंगी
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3 मीटर से ज्यादा चौड़ा डिवाइडर बनाया जाएगा
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भविष्य में मेट्रो पिलर लगाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग हो रही है
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सरकार ने लक्ष्य तय किया है – अगले 6 महीनों में पूरा कॉरिडोर हट जाएगा
किन इलाकों में था कॉरिडोर?
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी अब राहत की सांस ले रहे हैं। BRTS लेन की वजह से वाहन चालकों को खासा ट्रैफिक झेलना पड़ता था। अब सड़क चौड़ी होने से ट्रैफिक सुगम होगा और भविष्य के मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए भी जगह उपलब्ध होगी।