Edited By Shruti Jha, Updated: 26 Jul, 2025 05:34 PM

इस बार तीज पर्व के दौरान जयपुर के पुराने शहर यानी परकोटे में विशेष ट्रैफिक बंदिशें लगाई जाएंगी। तीज माता की सवारी शाम 5:30 बजे सिटी पैलेस के माननी द्वार से रवाना होगी और त्रिपोलिया मार्केट, छोटी चौपड़ व गणगौरी बाजार होते हुए चौगान स्टेडियम तक जाएगी।
जयपुर के पुरातन परकोटे में तीज की सवारी के चलते सड़कें बंद, नई ट्रैफिक व्यवस्था लागू होगी – साथ ही पेश है हरितालिका व्रत की कथा
जयपुर, 27–28 जुलाई 2025 — इस बार तीज पर्व के दौरान जयपुर के पुराने शहर यानी परकोटे में विशेष ट्रैफिक बंदिशें लगाई जाएंगी। तीज माता की सवारी शाम 5:30 बजे सिटी पैलेस के माननी द्वार से रवाना होगी और त्रिपोलिया मार्केट, छोटी चौपड़ व गणगौरी बाजार होते हुए चौगान स्टेडियम तक जाएगी।
पहले दौर की सवारी हरियाली तीज (27 जुलाई) और दूसरे दिन बूढ़ी तीज (28 जुलाई) पर निकलेगी। इन दोनों दिनों विशेष ट्रैफिक डायवर्जन लागू किये जाएंगे ताकि यात्रियों को व्यवधान न हो।
रात्रि 5 बजे से सिटी पैलेस की ओर आने वाले मुख्य मार्गों पर वाहन प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान सागानेरी गेट, सुभाष चौक जैसे क्षेत्रों में पार्किंग व्यवस्था बदल दी जाएगी—बस सेवाओं का संचालन सीमित वैकल्पिक मार्गों पर होगा।
उदाहरणस्वरूप, घाटगेट, घाट बाजार, रामगंज चौपड़, चार-दरवाजा मार्ग से सुभाष चौक तक बसें परिचालित होंगी। रामगंज चौपड़ मार्ग से बड़ी चौपड़ होकर आने वाली बसें घाट बाजार, एम.आई. रोड तथा सांगानेरी गेट होते हुए ट्रिपोलिया तक जा सकेंगी।
हरितालिका व्रत – पौराणिक कथा व महत्व
हरितालिका तीज श्रावण मास के भाद्रपद माह की कृष्ण व रात्रि तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह देवी पार्वती और भगवान शिव की प्रेम-परीक्षा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कथा पर आधारित है ।
उस समय देवी पार्वती के विवाह की बात पिता हिमालयराज द्वारा विष्णु से तय की गयी थी, जबकि उनका हृदय शिव को पाने की तपस्या में लीन था। अपनी मित्रों की सहायता से वह घोर तपस्या व वनवास के बाद शिव की पार्श्व में पहुंचीं। तब शिव ने उनकी निष्ठा देख विवाह प्रस्ताव रखा। इस प्रसंग ने हरितालिका व्रत की परंपरा को जन्म दिया, जिसमें विवाहित या अविवाहित महिलाएँ शिव-पार्वती की पूजा कर, निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
तीज पर्व के दौरान महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनती हैं, मेहँदी लगाती हैं और गेहवर जैसे मीठे व्यंजनों का आनंद लेती हैं। इस दिन फास्ट रहना, पूजा करना और पारिवारिक मेल जोड़ का विशेष महत्व होता है ।
-
परकोटे मार्ग बंद — तीज माता की सवारी के चलते दो दिन (27–28 जुलाई) पुराने शहर के रास्तों को शाम के समय बंद किया जाएगा।
-
बस संचालन व पार्किंग में बदलाव — सार्वजनिक परिवहन दिशा-निर्देश व पार्किंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
-
हरितालिका व्रत — पार्वती की तपस्या और शिव विवाह की कथा पर आधारित व्रत जिसमें महिलाएं निर्जला व्रत और पूजा करती हैं।