गोविंद सिंह डोटासरा ने एक बार फिर प्रदेश सरकार को लेकर बड़ा बयान दे दिया, कहा, 'दिल्ली से आई पर्ची से सत्ता कायम हो गई'

Edited By Chandra Prakash, Updated: 25 Aug, 2025 05:04 PM

govind singh dotasara attacked the state government

इस अवसर पर उपस्थित मीडिया को सम्बोधित करते हुये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री बरकतुल्ला खान ने जीवनपर्यन्त प्रदेश के लोगों की सेवा की और अपने किये कार्यों से समाज में अमिट छाप...

जयपुर, 25 अगस्त 2025। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री बरकतुल्ला खान की जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर पुष्पांजलि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली सहित अनेक कांग्रेसजनों ने स्व. श्री बरकतुल्ला खान के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी पुष्पांजलि दी।

इस अवसर पर उपस्थित मीडिया को सम्बोधित करते हुये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री बरकतुल्ला खान ने जीवनपर्यन्त प्रदेश के लोगों की सेवा की और अपने किये कार्यों से समाज में अमिट छाप छोड़ी है तथा राजस्थान के विकास में उनका योगदान सदैव याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे महान् नेताओं ने प्रदेश में अपने वीजन से कराये कार्यों द्वारा प्रदेश के दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं को सहारा देने का कार्य किया, किन्तु आज प्रदेश का दुर्भाग्य है कि जनता को भ्रमित कर झूठे वादे करके, जनता को बरगलाकर, साम्प्रदायिकता की राजनीति कर भाजपा ने सत्ता हासिल कर ली, जिन भाजपा नेताओं ने सर्वाधिक भ्रमित करने का कार्य किया उनमें से कुछ लोगों को तो जनता ने घर बिठा दिया, लेकिन दिल्ली से आई पर्ची से सत्ता कायम हो गई जिसे दो वर्ष पूर्ण होने को है लेकिन ना तो प्रदेश में कोई काम हो रहा है, ना जनकल्याण के लिये कोई बजट जारी हो रहा है, ना कोई सरकार का वीजन नजर आता है, केवल आपसी झगड़े और मनमुटाव के साथ ही दिल्ली दरबार में हाजिरी देने का काम हो रहा है। मुख्यमंत्री अपने घर से यदि निकलते हैं तो या तो दिल्ली जाते हैं अथवा देव दर्शन के लिये जाते हैं। उनके देव दर्शन यात्रा अथवा दिल्ली दरबार में हाजिरी से किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि प्रदेश की सरकार का खजाना खाली है, कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसे नहीं है, कांग्रेस के शासनकाल में जो कार्य हुये, योजनायें लागू हुई और टेण्डर हुये, वर्क ऑर्डर होकर काम पूरे हो गये, उनका भुगतान क्यों नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि सरकारी कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का भुगतान सरकार नहीं कर रही है। प्रदेश के 10 से 12 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ के हालात है, मुख्यमंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे हैं, केवल एक बार अपने विधानसभा क्षेत्र सांगानेर में रील बनाने के लिये गये थे, वहॉं भी उनका जनता ने विरोध कर दिया और विरोध के पोस्टर भी मुख्यमंत्री के खिलाफ लग गये जो शर्म का विषय है, क्योंकि मात्र डेढ़ वर्ष के शासन में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई। सरकार का मैनेजमेंट हास्यास्पद है जो कैबीनेट मंत्री दूसरे मंत्री की शिकायत करने दिल्ली जाता है, उन दोनों को एक साथ अतिवृष्टि का जायजा लेने के लिये भेज दिया जाता है, ऐसे में किस प्रकार की संयुक्त रिपोर्ट बनेगी और जनता के राहत के लिये क्या संयुक्त सिफारिश हो सकेगी, यह विषय सोचने योग्य है। 

उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि का जायजा लेने के लिये दौरे पर गये मंत्री कभी टंकी पर चढ़ रहे हैं, कभी जेसीबी पर चढ़ रहे हैं, हाल ही में 9 लोगों की अतिवृष्टि से मृत्यु हो गई, उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है, स्कूलें बंद पड़ी है, सरकारी स्कूल की बिल्डिंगें जर्जर हो रही है जिनकी मरम्मत के लिये 26 हजार करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो रहा है जबकि मुख्यमंत्री हाल ही में दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित अनेक मंत्रियों से मिले। मुख्यमंत्री को प्रदेश को जानकारी देनी चाहिये कि दिल्ली में उनकी केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकातों के बाद क्या प्रदेश को कोई विशेष पैकेज मिला है या सहायता राशि केन्द्र ने जारी की हो। सरकार को जवाब देना चाहिये कि प्रदेश के बच्चों को सुरक्षित शिक्षा देने के लिये सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिये 26 हजार करोड़ रूपया कब जारी होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 169 करोड़ रूपये सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग की मरम्मत करने के लिये जारी करने की घोषणा की थी, अभी तो उसकी वित्तीय स्वीकृति भी जारी नहीं हुई, काम शुरू होना तो दूर की बात है। हाल ही में जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सांसदों और विधायकों से संवाद करेंगे क्योंकि विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है तो क्या यह माना जाये कि इन नेताओं का आपस में संवाद ही नहीं है क्या। वास्तविकता तो यह है कि प्रदेश में कई पर्चियां बदलने वाली है उसके डेमेज कन्ट्रोल के लिये ही ये लोग चर्चा करेंगे इन्हें जनता की दु:ख-तकलीफ और परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। होना तो यह चाहिये कि मुख्यमंत्री को खुले मन से सभी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को बुलाना चाहिये और प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण हुये नुकसान तथा राहत कार्यों पर चर्चा कर सभी क्षेत्रों के लिये राहत योजना तैयार होनी चाहिये।

डोटासरा ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री पूरे देश के शिक्षा मंत्रियों में सबसे अलग प्रकृति हैं क्योंकि प्रदेश में वाईस प्रिंसीपल के पद से प्रिंसीपल के पद की डीपीसी होने के बावजूद तीन महिने से पदस्थापन्न और काउन्सलिंग नहीं करवा पा रहे हैं। इस अवधि में प्रिंसीपल पद पर पदस्थापन्न की आस लिये हुये 500 शिक्षक तो रिटायर्ड भी हो गये हैं। दुर्भाग्य है कि तीन हजार से अधिक स्थानों पर दो प्रिंसीपल लगे हुये हैं, तीन बार काउन्सलिंग का कार्यक्रम जारी हो चुका है, आज से फिर काउन्सलिंग होगी, किन्तु पदौन्नत हुये प्रिंसीपल के पदस्थापन्न होने की सम्भावना नजर आ रही है, क्योंकि अभी तक कहीं वैकेंट पोस्ट नहीं दिखाई गई हैं बल्कि आरएसएस और भाजपा नेताओं के दबाव में तीन हजार से अधिक लोगों के पदस्थापन्न ट्रांसफर-पोस्टिंग के माध्यम से वैन लगे होने के बावजूद बीच सत्र में किये जाने के प्रयास हो रहे हैं, इस सरकार को छात्रों की पढ़ाई और शिक्षा से कोई सरोकार नहीं है, इसीलिये इस तरह की कवायद चल रही है। 

उन्होंने कहा कि 1 सितम्बर, 2025 से विधानसभा सत्र प्रारम्भ हो रहा है, नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस के सभी विधायक एकजुटता के साथ सरकार को घेरने का कार्य करेंगे और सरकार से पूछेंगे कि विद्यालयों में जर्जर भवन गिरने से बच्चों की मौत हो रही है लेकिन सरकार क्या कर रही है। प्रश्र पूछा जायेगा कि सरकार पंचायत और नगर निकायों के चुनाव क्यों नहीं करवा पा रही है, राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच क्या गतिरोध है कि चुनाव नहीं हो रहे हैं जबकि मई और जून में पंचायतों एवं निकायों के परिसीमन के कार्यों को पूर्ण करने शिड्यूल सरकार ने जारी किया था, वह परिसीमन का कार्य अभी तक सम्पन्न क्यों नहीं हुआ। परिसीमन का बजट नोटिफिकेशन क्यों नहीं जारी हुआ, जबकि अगस्त माह समाप्त होने को है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा की सरकार से आमजनता के सभी मुद्दों पर कांग्रेस जवाब मांगेगी तथा सरकार की अकर्मण्यता को आमजनता के सामने उजागर करेगी। 

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