Edited By Rahul yadav, Updated: 16 Dec, 2024 02:58 PM
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उपचुनाव के नतीजों के बाद से सक्रिय और गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाईकमान के समक्ष निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की बात कही है। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पदाधिकारियों की बैठक...
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उपचुनाव के नतीजों के बाद से सक्रिय और गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाईकमान के समक्ष निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की बात कही है। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर संगठन को मजबूत करने और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की तैयारी हो रही है। यह बैठक पीसीसी मुख्यालय में आयोजित होगी, जहां डोटासरा की अध्यक्षता में 17 उपाध्यक्ष, 50 महासचिव, 114 सचिव और 5 विशेष अतिथि नेता शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में संगठनात्मक बदलाव और आगामी चुनावी रणनीति पर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
उपचुनाव की हार के बाद एक्शन मोड में डोटासरा
हाल ही में हुए उपचुनावों में 7 में से 6 सीटें हारने के बाद कांग्रेस में अंदरूनी बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। हार के कारणों पर मंथन करने और पार्टी को पुनर्गठित करने के लिए राजस्थान कांग्रेस के नेता हाल ही में दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। इस बैठक में डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने हिस्सा लिया। इस दौरान उपचुनाव में मिली हार, निष्क्रिय नेताओं के रवैये, और निकाय व पंचायत चुनावों को लेकर चर्चा की गई।
निष्क्रिय नेताओं पर सख्त रुख
डोटासरा ने हाईकमान के साथ बैठक में यह साफ किया कि कांग्रेस में कई नेता संगठन से हटकर अपने स्वार्थ के अनुसार काम कर रहे हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। उन्होंने फीडबैक देते हुए कहा कि ऐसे निष्क्रिय नेताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए। डोटासरा ने यह भी कहा कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, अगर वह पार्टी के लिए सक्रिय तौर पर काम नहीं करता है, तो उसकी कांग्रेस में जगह नहीं होनी चाहिए।
आगामी कार्ययोजना पर फोकस
पीसीसी पदाधिकारियों की इस बैठक में प्रदेशभर के नेताओं को बुलाया गया है, ताकि संगठनात्मक विषयों और चुनावी तैयारियों पर विचार किया जा सके। माना जा रहा है कि डोटासरा अपने पदाधिकारियों से न केवल फीडबैक लेंगे, बल्कि संगठन को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने के लिए बड़े बदलावों की घोषणा भी कर सकते हैं।
इस बैठक के बाद कांग्रेस में नए फैसले और बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो आगामी निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी की स्थिति को सुधारने के लिए अहम होंगे।