Edited By Anil Jangid, Updated: 17 Dec, 2025 05:58 PM

राजस्थान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि टीकाराम जूली ने न तो राज्य सरकार का बजट ठीक से पढ़ा है और न ही राजस्थान की वास्तविक आर्थिक स्थिति को...
जयपुर। राजस्थान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि टीकाराम जूली ने न तो राज्य सरकार का बजट ठीक से पढ़ा है और न ही राजस्थान की वास्तविक आर्थिक स्थिति को समझा है। कांग्रेस केवल नकारात्मक राजनीति कर रही है और तथ्यों से दूर बयानबाजी कर रही है। अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2013 में जब भाजपा सरकार बनी थी, तब राजस्थान की आर्थिक स्थिति घाटे में थी, लेकिन भाजपा सरकार सरप्लस बजट देकर गई थी। इसके बाद कांग्रेस शासनकाल में एक बार फिर राज्य की अर्थव्यवस्था घाटे में चली गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार वित्तीय अनुशासन के साथ काम कर रही है और राज्य के संसाधनों में लगातार वृद्धि हो रही है।
प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि, स्वतंत्र रिपोर्ट से पुष्टि
चतुर्वेदी ने कहा कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट में राजस्थान की प्रतिव्यक्ति आय बढ़ने की बात सामने आई है। यह रिपोर्ट सरकार की नहीं, बल्कि स्वतंत्र एजेंसियों की है, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष तथ्यों की अनदेखी कर केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहा है।
ईआरसीपी और यमुना जल परियोजना पर कांग्रेस ने की सिर्फ राजनीति
ईआरसीपी परियोजना और यमुना जल समझौते को लेकर अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्षों तक इन मुद्दों पर केवल राजनीति करती रही, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने आर्थिक प्रबंधन के आधार पर ईआरसीपी पर काम शुरू किया है। इसी तरह यमुना जल को लेकर 50 वर्षों तक केवल राजनीति हुई, लेकिन मौजूदा सरकार के आने के बाद इस दिशा में ठोस पहल हुई है और डीपीआर तैयार की जा रही है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में ठोस कार्य
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य बुनियादी क्षेत्रों में लगातार ठोस और परिणामोन्मुख कार्य कर रही है। पहले ही वर्ष में “राइजिंग राजस्थान” जैसे बड़े आयोजन कर सरकार ने विकास और निवेश को लेकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस ईमानदार है तो विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाकर बहस कराई जाए। इसमें पिछली कांग्रेस सरकार के पांच साल और वर्तमान सरकार के दो साल के कार्यों की तुलना हो, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके।
मनरेगा के नाम पर नहीं, काम पर जोर
मनरेगा के नाम बदलने के मुद्दे पर अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा से जुड़ी नीतियों में कई सुधार किए हैं। उनके लिए नाम से ज्यादा महत्वपूर्ण काम है। मौजूदा सरकार मनरेगा में समय पर भुगतान, स्थायी विकास से जुड़े कार्यों और अधिक से अधिक ग्रामीणों को रोजगार देने पर फोकस कर रही है। अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस अफवाह, भ्रम और नकारात्मकता के सहारे राजनीति कर रही है। कांग्रेस शासनकाल में वित्तीय अव्यवस्था, योजनाओं में लापरवाही और जवाबदेही का अभाव रहा, जबकि वर्तमान सरकार पारदर्शिता, वित्तीय सुधार और जनकल्याण के संकल्प के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जनता अब खोखले आरोपों से नहीं, बल्कि काम और परिणामों से निर्णय करती है, और यही सच्चाई कांग्रेस को स्वीकार करनी होगी।