Edited By Afjal Khan, Updated: 07 Feb, 2024 06:54 PM
कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को मंत्रालयिक भवन में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन और इजरायली डेलिगेशन के साथ राजस्थान में इजराइल के कृषि एवं उद्यानिकी में तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृत चर्चा की। बैठक में प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं...
जयपुर, 7 फरवरी। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को मंत्रालयिक भवन में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन और इजरायली डेलिगेशन के साथ राजस्थान में इजराइल के कृषि एवं उद्यानिकी में तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृत चर्चा की। बैठक में प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी वैभव गालरिया और आयुक्त उद्यानिकी लक्ष्मण सिंह कुड़ी मौजूद रहे ।
डॉ.किरोड़ी लाल मीणा द्वारा इजराइल के राजदूत के साथ राज्य में अंगूर व खजूर की खेती की संभावना और उच्च विद्युत चालकता (ई.सी.) एवं पी.एच. के जल से कृषि उत्पादन पर नवीन तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृत चर्चा की गई। कृषि मंत्री ने सवाई माधोपुर में उत्पादित किए जा रहे अमरूद के प्रसंस्करण हेतु सहयोग की संभावना पर कार्य करने की बात कही। इजराइल के राजदूत द्वारा इस पर आश्वस्त किया गया कि वे इस पर कार्य कर शीघ्र ही अवगत कराएंगे।
बैठक के दौरान प्रमुख शासन सचिव द्वारा इजराइल के तकनीकी सहयोग से स्थापित किए गए बस्सी, जयपुर में अनार, कोटा में सिट्रस तथा जैसलमेर में खजूर के उत्कृष्टता केन्द्रों की प्रगति से अवगत कराया गया। साथ ही उन्होनें बताया कि इन केन्द्रों पर इजराइल के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में लगभग 2 हजार 500 हैक्टेयर क्षेत्र में उन्नत कृषि तकनीकों के माध्यम से अनार, संतरा एवं खजूर की खेती कर लगभग 15 हजार किसानों को प्रशिक्षित किया गया है और 7 लाख 70 हजार कृषकों को पौध रोपण सामग्री उपलब्ध कराई गई है ।
उत्कृष्टता केन्द्रों पर अपनाई जा रही तकनीकी पर इजराइली डेलिगेशन द्वारा संतोष जाहिर किया गया कि इजराइल के सहयोग से स्थापित तीनों उत्कृष्टता केन्द्र कृषकों के हित में कार्य कर रहे है तथा इन केन्द्रों पर कृषकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है । साथ ही उच्च गुणवता युक्त पौध रोपण सामग्री कृषकों को उपलब्ध कराई जा रही है । इजराइल के राजदूत की ओर से कृषि मंत्री को आमंत्रित किया गया कि वे एक तकनीकी दल एवं किसानों के साथ इजराइल का भ्रमण करें, ताकि वे फल, फूल, सब्जी और अन्य बागवानी फसलों पर इजराइल द्वारा किए गए कार्यों का अवलोकन कर सके । जिससे कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीकी की कार्य योजना बनाई जा सके।