Edited By Rahul yadav, Updated: 01 Jul, 2025 03:28 PM

रणथंभौर नेशनल पार्क में हर वर्ष की तरह इस बार भी मानसून के दौरान पर्यटन गतिविधियों पर आंशिक रोक लगाई गई है। वन विभाग ने जोन 1 से 5 को 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक पर्यटकों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान इन जोनों में जंगल सफारी पूरी तरह...
मानसून में रणथंभौर के मुख्य जोन बंद, जोन 6 से 10 में जारी रहेंगी सफारी गतिविधियां
सवाई माधोपुर: रणथंभौर नेशनल पार्क में हर वर्ष की तरह इस बार भी मानसून के दौरान पर्यटन गतिविधियों पर आंशिक रोक लगाई गई है। वन विभाग ने जोन 1 से 5 को 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक पर्यटकों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान इन जोनों में जंगल सफारी पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
हालांकि, पार्क के बफर क्षेत्र — जोन 6 से 10 — में पर्यटक पहले की तरह जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। ये जोन भी रोमांच और जैव विविधता के लिहाज़ से समृद्ध हैं और मानसून के मौसम में प्रकृति की हरीतिमा से भरपूर होते हैं।
मुख्य जोन में बाघों की अधिकतम मौजूदगी
रणथंभौर के जोन 1 से 5 को पार्क का ‘कोर एरिया’ माना जाता है, जहां बाघों की गतिविधियां सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। यही वजह है कि ये जोन पर्यटकों की पहली पसंद रहते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार मानसून के मौसम में इन जोनों को वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए बंद किया जाता है।
प्रकृति के संरक्षण के लिए बंद रहते हैं कोर जोन
मानसून के दौरान जंगल में वनस्पतियों का तेजी से विकास होता है और वन्यजीवों के लिए यह प्रजनन का महत्वपूर्ण समय होता है। साथ ही, बारिश के चलते रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं और बरसाती नालों में तेज बहाव के चलते पर्यटकों की सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इन्हीं कारणों से वन प्रशासन हर साल जुलाई से सितंबर तक कोर जोन बंद करता है।
30 जून को मुख्य जोनों में अंतिम सफारी
जोन 1 से 5 में मौजूदा पर्यटन सत्र का आखिरी दिन 30 जून 2025 रहा, जिसमें बड़ी संख्या में पर्यटकों ने सफारी कर बाघों की गतिविधियों को देखा और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। ये जोन अब 1 अक्टूबर 2025 को नए पर्यटन सत्र के साथ फिर से खोले जाएंगे।
रणथंभौर की लोकप्रियता और राजस्व रिकॉर्ड
2024-25 के पर्यटन सत्र के दौरान रणथंभौर में लगभग सात लाख देसी-विदेशी पर्यटक पहुंचे, जिससे वन विभाग को लगभग 72 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह आंकड़ा रणथंभौर की बढ़ती लोकप्रियता और वन्य पर्यटन की मांग को दर्शाता है।
पर्यटकों के लिए वन विभाग की सलाह
जो पर्यटक आगामी तीन महीनों में रणथंभौर भ्रमण की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे जोन 6 से 10 में जंगल सफारी की बुकिंग करें। इन बफर जोनों में भी बाघों समेत अन्य वन्यजीवों को देखने का भरपूर मौका मिलता है, और मानसून के मौसम में यहां की प्राकृतिक छटा देखने लायक होती है।