Edited By Raunak Pareek, Updated: 02 Jul, 2025 03:04 PM

सिरोही के स्वरूपगंज में किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी से बायोडीजल फैक्ट्री में बड़ा घोटाला उजागर। 360 करोड़ का नुकसान, नकली ईंधन का संदेह।
राजस्थान के सिरोही जिले के स्वरूपगंज में राज्य सरकार के मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की अगुवाई में बायोडीजल फैक्ट्री पर हुई छापेमारी से बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। यह कार्रवाई मैसर्स कोटियार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के उस प्लांट पर की गई, जो तय समय पर लाइसेंस की अवधि समाप्त हो जाने के बावजूद अवैध रूप से संचालन कर रहा था। इस यूनिट में भारी अनियमितताएं पाई गईं, जिससे राज्य सरकार को अनुमानतः 360 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।
छापे के दौरान फैक्ट्री की कार्यप्रणाली और दस्तावेजों की जांच में यह भी संदेह सामने आया कि वहां नकली बायोडीजल तैयार कर बाजार में बेचा जा रहा है। इससे न केवल आमजन की सुरक्षा और पर्यावरण को खतरा है, बल्कि यह उपभोक्ताओं के साथ सीधा धोखा भी है। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस फैक्ट्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और सारे कागजात जब्त किए जाएं।
डॉ. मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “राजस्थान में अब भ्रष्टाचार, मिलावटखोरी और नकली उत्पादों का धंधा बंद होगा। सरकार किसानों और ईमानदार उद्यमियों के साथ खड़ी है और फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” यह छापेमारी राज्य सरकार की उस सख्त नीति का हिस्सा है जिसमें नकली खाद, बीज और बायोडीजल जैसे आवश्यक संसाधनों में गड़बड़ी करने वालों पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति लागू की गई है।
इस फैक्ट्री के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कर, प्रबंधन के खिलाफ संपत्ति कुर्की और नुकसान की भरपाई के लिए कार्रवाई की तैयारी है। वहीं फैक्ट्री से जुड़ी दूसरी कंपनियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जल्द ही राजस्व, पर्यावरण और ऊर्जा विभाग की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस मामले ने राजस्थान में मिलावट के खेल की परतें खोल दी हैं और सरकार की सख्त मंशा को भी साफ तौर पर सामने रखा है।
(इस खबर पर अपडेट जारी है.)