Edited By Raunak Pareek, Updated: 26 Nov, 2024 09:00 PM
दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार किया। तीन वर्षों की जांच के बाद, शर्मा पर गैरकानूनी फोन टैपिंग और आपराधिक साजिश के आरोप...
दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा को 2020 के फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही देर बाद एक स्थानीय अदालत ने शर्मा को जमानत दे दी।
इस साल अप्रैल में लोकेश शर्मा ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें शेखावत और कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कथित बातचीत की एक ऑडियो क्लिप दी थी, जिसमें राजस्थान की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश पर चर्चा हो रही थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शर्मा को क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद वह रविवार रात दिल्ली पहुंचे। मार्च 2021 में गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, विश्वासघात और गैरकानूनी फोन टैपिंग के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी।
पिछले तीन वर्षों में क्राइम ब्रांच ने शर्मा से कई बार पूछताछ की। शुरुआती पूछताछ में उन्होंने दावा किया था कि ऑडियो क्लिप उन्हें सोशल मीडिया के जरिए मिली थी, लेकिन बाद में कहा कि गहलोत ने खुद उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी जिसमें वह कथित क्लिप थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शर्मा जांच में सहयोग कर रहे हैं और मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने सितंबर में मीडिया को बताया था,
"मैंने इस मामले से संबंधित सभी जानकारियां और दस्तावेज जांच एजेंसियों को दे दिए हैं। मेरा इस मामले में कोई रोल नहीं है। फोन टैप करना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत ने मुझे एक पेन ड्राइव दी थी और उनके निर्देश पर मैंने क्लिप सार्वजनिक की थी।"
लोकेश शर्मा बन सकते हैं सरकारी गवाह
लोकेश शर्मा के फोन टैपिंग मामले में सरकारी गवाह बनने की संभावना जताई जा रही है। अगर वह सरकारी गवाह बनते हैं, तो उन्हें इस केस में राहत मिल सकती है। उनकी जमानत को भी इसी संभावना से जोड़ा जा रहा है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तत्कालीन एसीएस होम, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सीएमओ में कार्यरत अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है।
सचिन पायलट की बगावत के समय उठा था फोन टैपिंग विवाद -
जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय लोकेश शर्मा ने मीडिया को कुछ ऑडियो क्लिप भेजे थे। इन क्लिप्स में सरकार गिराने की साजिश के आरोप लगाए गए थे। कथित तौर पर इनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, दिवंगत कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की बातचीत शामिल थी।
ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए। सरकार से ऑडियो के स्रोत को लेकर सवाल पूछे गए, और यह मामला विधानसभा और संसद में भी उठा। सरकार ने विधानसभा में यह स्वीकार किया कि लोकेश शर्मा ने ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से लेकर वायरल की थीं। इसके बाद मार्च 2021 में गजेंद्र शेखावत ने फोन टैपिंग का मामला दर्ज करवाया।
फोन टैपिंग मामले में अब तक क्या क्या हुआ –
- 10-11 जुलाई 2020: सचिन पायलट खेमे के विधायक मानेसर के पास एक होटल में बाड़ेबंदी में चले गए। पायलट ने दावा किया कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। वहीं, गहलोत समर्थक विधायकों की भी जयपुर के पास एक होटल में बाड़ेबंदी की गई।
- 15 जुलाई 2020: तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने मीडिया को तीन ऑडियो क्लिप भेजीं, जिनमें सरकार गिराने की साजिश का दावा किया गया। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए।
- मार्च 2021: बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ के सवाल पर गृह विभाग ने विधानसभा में जवाब दिया कि लोगों की सुरक्षा या कानून व्यवस्था के लिए खतरा होने पर सक्षम अधिकारी की अनुमति से फोन सर्विलांस पर टैप किए जाते हैं। सरकार के इस जवाब से फोन टैपिंग का मुद्दा फिर से तूल पकड़ गया।
- 15-16 मार्च 2021: विधानसभा में तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने स्वीकार किया कि लोकेश शर्मा ने ऑडियो क्लिप वायरल किए थे। शर्मा ने दावा किया कि ये ऑडियो उन्हें सोशल मीडिया से मिले थे। इसके बाद यह मामला लोकसभा और राज्यसभा में भी उठा।
- 23 मार्च 2021: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में लोकेश शर्मा और कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ फोन टैपिंग का केस दर्ज करवाया।
- 25 मार्च 2021: इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।
- अप्रैल 2021: दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए लोकेश शर्मा को बुलाया। शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस खारिज करने की याचिका दायर की और उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिली।
- अप्रैल 2021 से नवंबर 2023: इस अवधि में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा से कई बार पूछताछ की।
- दिसंबर 2023: लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दिया गया।
- जनवरी 2024 से जुलाई 2024: लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच के सामने कई बार पेश होकर बयान दिए। उन्होंने कहा कि गहलोत ने ही उन्हें ऑडियो पेन ड्राइव में दिए थे। साथ ही, उन्होंने अपने लैपटॉप और मोबाइल जांच के लिए सौंपे।
- 14 नवंबर 2024: लोकेश ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस को राजस्थान स्थानांतरित करने और गिरफ्तारी से राहत वाली याचिका वापस ले ली।
- 21 नवंबर 2024: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने लोकेश शर्मा को अग्रिम जमानत दी।
- 25 नवंबर 2024: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को गिरफ्तार किया, लेकिन उन्हें थोड़े समय बाद ही जमानत पर रिहा कर दिया।