मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के कार्यों को मिली नई पहचान

Edited By Shruti Jha, Updated: 11 Jul, 2025 06:34 PM

in leadership of bhajan lal sharma the works of good governance

15 दिनों में प्रदेश के कोने-कोने में अंतिम व्यक्ति की समस्याओं का हुआ समाधान, प्रदेश में पखवाड़े का व्यापक असर —‘लक्ष्य अंत्योदय, प्रण अंत्योदय, पथ अंत्योदय’ की दिशा में राजस्थान सरकार का अभिनव प्रयास —पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के...

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के कार्यों को मिली नई पहचान


—15 दिनों में प्रदेश के कोने-कोने में अंतिम व्यक्ति की समस्याओं का हुआ समाधान, प्रदेश में पखवाड़े का व्यापक असर —‘लक्ष्य अंत्योदय, प्रण अंत्योदय, पथ अंत्योदय’ की दिशा में राजस्थान सरकार का अभिनव प्रयास —पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के माध्यम से आमजन की राह हुई आसान —वर्षों पुरानी समस्याओं का हुआ त्वरित समाधान, गांव-गरीब तक पहुंचा जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ

जयपुर, 10 जुलाई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में 24 जून से 9 जुलाई तक आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और वर्षों से लंबित समस्याओं का समाधान करने का प्रमुख माध्यम बना है। ‘लक्ष्य अंत्योदय, प्रण अंत्योदय, पथ अंत्योदय’ की भावना से यह पखवाड़ा मुख्यमंत्री की सोच, संवेदनशीलता और जनसेवा की प्रतिबद्धता का प्रतीक बनकर सामने आया। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस मुहिम के दौरान बालोतरा, जोधपुर, कोटा, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, चूरू, बीकानेर, और सवाईमाधोपुर जैसे जिलों में शिविरों का दौरा कर लोगों को जागरूक किया और योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद स्थापित किया।

जमीनों के प्रकरणों का धरातल पर हुआ समाधान

गांवों में लंबित राजस्व संबंधी प्रकरण एक आम समस्या है। इन समस्याओं के निष्पादन से किसान, मजदूर और जरूरतमंद व्यक्ति को व्यापक स्तर पर राहत पहुंचायी जा सकती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने पखवाड़े के अंतर्गत राजस्व विभाग को नियोजित किया, जिसने 60,716 सीमाज्ञान, 1,32,000 से अधिक नामांतरण, 26,858 सहमति विभाजन और 31,848 रास्तों से जुड़े मामलों का समाधान कर वर्षों पुराने विवादों को सुलझाया। इससे न केवल राजस्व रिकॉर्ड दुरूस्त हुआ बल्कि आमजन को उनके हक के कागज भी प्राप्त हुए।

निर्बाध विद्युत-जल आपूर्ति को मिली गति

गांव ढाणी से लेकर कस्बे तक पर्याप्त बिजली-पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इसी क्रम में पखवाड़े के दौरान ऊर्जा विभाग ने 55,437 झूलते बिजली तारों को दुरुस्त किया। वहीं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 43,493 नए नल कनेक्शन जारी कर और 15,869 पानी की टंकियों की सफाई कर ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की। इस दौरान वन विभाग ने 1,92,17,000 से अधिक पौधों का वितरण कर पर्यावरण संरक्षण का पर्याय बने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को गति प्रदान की। कृषि विभाग द्वारा 1,91,197 मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।

आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा का कवच हुआ अधिक मजबूत

खाद्य विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1,88,279 खाद्य सुरक्षा आवेदनों को निस्तारण किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 1,95,270 पेंशनर्स का सत्यापन किया गया। इसके साथ ही, 8,780 यूडीआईडी कार्ड जारी किए गए और 79,577 को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में पंजीकृत किया गया। इस दौरान उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 17,938 स्कूटी हेतु ई-वाउचर जारी किए गए तथा 12,050 स्कूटियों का वितरण किया गया।

नई सोच, ठोस परिणाम

जैसलमेर की खुमानसर ग्राम पंचायत में गंगाराम की खातेदारी समस्या का त्वरित समाधान हुआ। वहीं श्रीगंगानगर की रावला तहसील में 30 साल से बंद रास्ता खुलवाया गया। साथ ही धौलपुर के धनौरा गांव में 70 वर्षीय जगदीश और 85 वर्षीय पतोली का तीन दशक पुराना विवाद का निपटान हुआ। भीलवाड़ा की कोयली देवी को शिविर में खेत तक पहुंचने का रास्ता मिल सका। जन सेवा के ये तो कुछ उदाहरण मात्र हैं, वास्तविकता में पखवाड़े के माध्यम से लाखों लोगों को राहत पहुंचाई गई है।

यह पखवाड़ा राजस्थान सरकार की ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत निरीक्षण और मार्गदर्शन ने इस अभियान को न केवल प्रभावी बनाया, बल्कि ग्रामीणों में विश्वास भी जगाया कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। इन शिविरों में गरीब, मजदूर, महिला, युवा सहित सभी वर्गों की समस्याओं के समाधान ने अंत्योदय और सुराज संकल्प को सिद्धि की ओर बढ़ाया है। कोई भी व्यक्ति विकास की मुख्यधारा से छूट न जाए- ये संकल्प अब धरातल पर साकार हो रहा है।

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